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    नागपुर. आम नागरिकों के अलावा अब साइबर फ्राड करने वाले ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ भी धोखाधड़ी कर रहे हैं. इसके पहले भी कुछ प्रकरण सामने आ चुके हैं लेकिन नागपुर में पहली बार इस प्रकार की ठगी का मामला सामने आया है. फर्जी आईडी के जरिए अमेजन कंपनी की फर्जी आईडी बनाकर बिक्री और खरीदारी के नाम पर कंपनी को 3 करोड़ रुपये का चूना लगाया गया है. एमआईडीसी पुलिस ने हिंगना रोड पर स्थित अमेजन ट्रांस्पोर्टेशन सर्विस प्रा. लि. के मैनेजर हेमंत पाखोड़े (32) की शिकायत पर अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. हालांकि मामले की जांच क्राइम ब्रांच की आर्थिक अपराध शाखा और साइबर टीम मिलकर कर रही है. साइबर ठगों ने 9 से 16 अप्रैल 2022 के बीच इस ठगी को अंजाम दिया. सबसे पहले तो ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर विक्रेताओं के नाम पर आईडी बनाई. इसके जरिए अलग-अलग उत्पादन बेचे जा रहे थे. साथ में ग्राहकों के नाम पर भी आईडी तैयार की गई और कंपनी में नाम रजिस्टर करवाया गया.

    5,731 प्रोडक्ट किए गए ऑर्डर

     इन फेक आईडी के जरिए कंपनी से 5,731 प्रोडक्ट ऑर्डर किए गए. सभी ऑर्डर में कैश ऑन डिलीवरी का ऑप्शन लिया गया था. प्रत्यक्ष रूप से इन ऑर्डर की डिलीवरी हुई ही नहीं थी लेकिन कंपनी को ऑर्डर डिलेवर होने की जानकारी दी गई. बाद में भेजे गए प्रोडक्ट में खराबी या अन्य कारण बताकर ऑर्डर कैंसिल किए गए. जब ऑर्डर डिलेवर ही नहीं हुए तो वापस करने का तो सवाल ही नहीं उठता. फिर भी आरोपियों ने अमेजन की ऑटोमेटिक रिफंड प्रणाली का उपयोग करके रकम अपने खाते में जमा करवा ली. 

    बढ़ सकता है ठगी की रकम का आंकड़ा

    जांच में 3 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी सामने आई है. ठगी की रकम का आंकड़ा बढ़ भी सकता है. लगातार ऑर्डर रिटर्न और पैसा रिफंड होने के कारण कंपनी के अधिकारियों को संदेह हुआ. जब जांच की गई तो धोखाधड़ी सामने आई. इस प्रकार की धोखाधड़ी पहले भी कंपनी के साथ हो चुकी है. इसीलिए क्राइम ब्रांच से मामले की शिकायत की गई. क्राइम ब्रांच ने प्राथमिक जांच की और एमआईडीसी थाने में मामला दर्ज किया गया. जानकारी मिली है कि ज्यादातर इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का ही ऑर्डर दिया गया था. महंगे फोन ऑर्डर किए गए जिससे रिफंड का अमाउंट भी ज्यादा होता था. 

    अंतरराज्यीय गिरोह होने का संदेह

    सबसे बड़ी बात यह है कि अमेजन अपने फ्लेटफार्म से प्रोडक्ट डिलेवर करने के लिए कंपनियों को नियुक्त करती है. कुछ विक्रेता खुद ही प्रोडक्ट डिलेवर करने का करार कंपनी से करते हैं. इसमें कुरियर कंपनी में काम करने वाले लोगों का भी समावेश हो. इस काम में अंतरराज्यीय गिरोह का हाथ होने की संभावना जताई जा रही है. इसके पहले उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश में इसी प्रकार की धोखाधड़ी करने के मामले सामने आ चुके हैं. कई गिरोह पकड़े भी गए हैं. पुलिस ऐसे गिरोह की जानकारी भी निकाल रही है. आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी के साथ आपराधिक षड्यंत्र और आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. जिन-जिन नंबरों से आईडी बनाई गई थी उन नंबरों की जांच की जा रही है.