ARREST
प्रतिकात्मक तस्वीर

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    नागपुर. जिले की अलग-अलग तहसीलों में बैग लिफ्टिंग की वारदात को अंजाम देने वाली आंध्र प्रदेश के लुटेरों की गैंग को पकड़ने में लोकल क्राइम ब्रांच को कामयाबी मिली. गश्त के दौरान पुलिस ने 3 आरोपियों को दबोचा जबकि 1 भागने में कामयाब हो गया. पकड़े गए आरोपियों ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में 15 वारदातों को अंजाम देने की कबूली दी. आरोपियों में कावली नेल्लोर, आंध्र प्रदेश निवासी राजेश पवलू गोटेटी (35), राजू प्रभाकर सिंगमशेट्टी (39) और अनिल बद्री पेटला (22) का समावेश है. उनके फरार साथी विक्रम सामिल सल्ला (30) की तलाश जारी है. कुछ दिन पहले रामटेक थाना क्षेत्र में लूट की वारदात हुई थी. बैंक से 2 लाख रुपये लेकर घर जा रहे एक व्यक्ति से आरोपियों ने रुपयों की बैग छीन ली थी. 

    फुटेज से मिला सुराग 

    रामटेक पुलिस के साथ एलसीबी भी प्रकरण की जांच में जुटी थी. कुछ जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई. फुटेज में चारों आरोपी कैद हुए थे. 3 दिन पहले कन्हान थाना क्षेत्र में गश्त करते समय पुलिस को तारसा चौक पर 4 आरोपी 2 मोटरसाइकिल पर संदेहास्पद स्थिति में घूमते दिखाई दिए. पुलिस को देखते ही चारों भागने लगे. 3 आरोपियों को तो पुलिस ने दबोच लिया लेकिन विक्रम अंधेरे का फायदा लेकर भाग निकला. पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ शुरू की. आरोपियों ने रामटेक सहित सावनेर, कन्हान, मौदा, भंडारा, तुमसर, जलगांव, अकोला, वरुड़, मध्य प्रदेश के सौसंर, पांढुर्णा और छिंदवाड़ा में कुल 15 वारदातों को अंजाम देने का खुलासा किया. 

    चोरी की बाइक का इस्तेमाल

    यह गैंग पिछले कई वर्षों से बैग लिफ्टिंग की वारदातों में सक्रिय है. पिछले 1 वर्ष में आरोपियों ने 15 वारदातों को अंजाम दिया. लूट के लिए आरोपी चोरी की गाड़ियों का इस्तेमाल करते थे. जलगांव और बुलढाणा से आरोपियों ने 2 मोटरसाइकिलें चोरी की. इसके बाद अलग-अलग शहरों में जाकर वारदातों को अंजाम दिया. ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों में ही लोगों को शिकार बनाते थे. बैंक से पैसे लेकर निकलने वाले लोगों पर नजर रखते है. बैंक से निकलते ही उनका पीछा शुरू करते थे और मौका मिलते ही हाथ मार देते थे. पकड़े जाने के डर से आरोपी किसी एक स्थान पर नहीं रुकते थे. 

    फेसबुक मैसेंजर पर बातचीत

    आरोपी इसके पहले भी वारदातों में पकड़े जा चुके हैं. पुलिस की जांच के तौर तरीके भी अच्छी तरह जानते हैं. आरोपियों को पता था कि वारदात के बाद पुलिस आसपास एक्टिव मोबाइल फोन की जानकारी इकट्ठा करती है. इसीलिए वारदात को अंजाम देते समय आरोपी कभी फोन कॉल का इस्तेमाल नहीं करते थे. फेसबुक मैसेंजर के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में रहते थे. एसपी विजय मगर और एडिश्नल एसपी राहुल माकणीकर के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर ओमप्रकाश कोकाटे, एपीआई राजीव कर्मलवार, हेड कांस्टेबल गजेंद्र चौधरी, दिनेश अधापुरे, राजेंद्र रेवतकर, रोहन डाखोरे, विपिन गायधने, अमोल वाघ, शैलेष यादव, सतीश राठोड़ और अमोल कुथे ने कार्रवाई को अंजाम दिया.