रणजीत सफेलकर 
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रणजीत सफेलकर FILE PIC

  • न्यायालय के आदेश से रीओपन हुआ विशाल पैसाडेली हत्याकांड

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नागपुर. अपराधी मनीष श्रीवास की हत्या के मामले में जेल की हवा खा रहे अपराधी रणजीत हलके सफेलकर पर हत्या का एक और मामला दर्ज हुआ है. हालांकि इस हत्याकांड का खुलासा पहले ही हो चुका था लेकिन पुलिस ने कानूनी तौर पर न्यायालय से अनुमति लेकर विशाल पैसाडेली की हत्या का केस रीओपन करवाया है. इसमें नागपुर क्राइम ब्रांच की अहम भूमिका रही. श्रीवास की हत्या की जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को पता चला कि सफेलकर ने मनीष की तरह ही कमसुरीबाजार, कामठी निवासी विशाल पैसाडेली की भी हत्या की है.

डीसीपी गजानन राजमाने ने यूनिट-4 के एपीआई ओमप्रकाश सोनटक्के को जांच के आदेश दिए. खापरखेड़ा में विशाल की दुर्घटना में मौत होने का मामला दर्ज किया गया था. इस मामले में बुधवारी बाजार, सक्करदरा निवासी गौरव झाड़े नामक युवक ने सरेंडर भी किया था. 28 मई 2007 को खापरखेड़ा पुलिस ने आरोपपत्र दायर किया लेकिन इसके बाद से गौरव कभी तारीख पर नहीं पहुंचा. आखिर 25 अक्टूबर 2017 को न्यायालय ने फौजदारी प्रक्रिया को रोकने के आदेश दिए. 

पत्नी के साथ संबंध होने का था संदेह

क्राइम ब्रांच ने बारीकी से इस केस और सफेलकर से जुड़े लोगों से पूछताछ की जिसमें पता चला कि सफेलकर का छोटा भाई कल्लू और विशाल करीबी दोस्त थे. विशाल का रणजीत के घर भी आना-जाना था. उसे संदेह था कि पत्नी और विशाल के बीच अनैतिक संबंध हैं. इसीलिए रणजीत ने विशाल को मारने का प्लान बनाया. 22 मार्च 2007 को पूर्व नियोजित षड्यंत्र के तहत अपने घर पर मिलने बुलाया.

एक स्कॉर्पियो गाड़ी में भिलगांव रोड पर ले जाया गया. वहां विशाल के साथ जमकर मारपीट की और शराब पिलाई गई. बाद में एक दोस्त को विशाल की स्कूटर क्र. एम.एच.31-ए.ई.8162 खापरखेड़ा रोड पर वारेगांव पुल के पास ले जाने को कहा. वहां बेहोश हो चुके विशाल को रास्ते पर लेटाया गया. सिर के पास उसकी स्कूटर रखी गई. रणजीत ने अपने एक साथी को स्कॉर्पियो गाड़ी से विशाल का सिर और स्कुटर उड़ाने को कहा. रणजीत के इशारे पर काम हो गया और हत्या को दुर्घटना बताने के लिए उसका शव सड़क से 10 फुट नीचे फेंक दिया गया. खुद को बचाने के लिए रणजीत ने योजना के तहत गौरव झाड़े खापरखेड़ा थाने में पेश करवाया. 

खापरखेड़ा पुलिस करेगी जांच 

डीसीपी राजमाने के मार्गदर्शन में एपीआई सोनटक्के ने नागपुर ग्रामीण एसपी राकेश ओला को जांच रिपोर्ट दी. उन्होंने खापरखेड़ा के थानेदार पुंडलिक भटकर को आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए. भटकर ने सावनेर न्यायालय से विशाल के मृत्यु प्रकरण की दोबारा जांच करने की अनुमति मांगी. न्यायालय से अनुमति मिलते ही खापरखेड़ा पुलिस ने हत्या, आपराधिक षड्यंत्र, अपहरण सहित विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज किया. 14 वर्ष बाद इस मामले को रीओपन किया गया है. सीपी अमितेश कुमार, डीआईजी सुनील फुलारी और डीसीपी गजानन राजमाने के मार्गदर्शन में एपीआई ओमप्रकाश सोनटक्के, हेड कांस्टेबल बबन राऊत, कांस्टेबल प्रशांत कोड़ापे, आशीष क्षीरसागर, सचिन तुमसरे और अविनाश ठाकुर ने कार्रवाई की.