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    नागपुर. कृषि उत्पन्न बाजार समिति (एपीएमसी) की नई कार्यकारिणी के लिए गत 3 वर्षों से चल रही न्यायिक लड़ाई रुकने का नाम नहीं ले रही है. अब पुन: अहमदभाई शेख की ओर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया. याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि हाल ही में एपीएमसी चुनाव को लेकर राज्य सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की गई है. दोनों पक्षों की लंबी दलीलों के बाद न्यायाधीश ए.एस. चांदूरकर और न्यायाधीश पुष्पा गनेवाडीवाला ने सुनवाई खत्म कर 22 को फैसला सुनाए जाने के आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. ए.एम. घारे और सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील संगीत जाचक ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि गत सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार को केवल 3 दिन का अल्टीमेटम दिया था जिसमें राज्य सरकार को चुनाव को लेकर खुलासा करना था. 

    प्रशासक को रहने का अधिकार नहीं

    याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. ए.एम. घारे का मानना था कि कानून में प्रदत्त अधिकार और धाराओं के अनुसार प्रशासक का कार्यकाल 1 वर्ष से अधिक समय तक नहीं रह सकता है. वर्तमान प्रशासक को एक वर्ष से अधिक का समय हो चुका है. ऐसे में न तो एपीएमसी की नई कार्यकारिणी के लिए चुनाव हो रहे है और न ही प्रशासक बने रह सकते हैं. याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. घारे ने कहा कि याचिका का मूल आधार प्रशासक की नियुक्ति बने होने का है जिससे इस संदर्भ में कानूनी निपटारा जरूरी है. वर्तमान में अलग-अलग मुद्दों को लेकर 2 याचिकाएं दायर की गई हैं. एक में प्रशासक के कार्यकाल को चुनौती है तो दूसरी याचिका में पहले की कार्यकारिणी को दिए गए 6 माह के कार्यकाल वृद्धि का मसला शामिल है. अधि. घारे ने कहा कि वर्तमान में प्रशासक का कार्यकाल जारी नहीं रह सकता है और चुनाव कराने का पूरा अधिकार राज्य सरकार के पास है किंतु चुनाव भी नहीं हो रहे हैं. 

    2017 को ही खत्म हो गया कार्यकाल

    – 23 फरवरी 2012 को एपीएमसी की कार्यकारिणी गठित की गई थी. 

    -9 मार्च 2012 को कार्यकारिणी की पहली बैठक ली गई. 

    -8 मार्च 2017 तक इस कार्यकारिणी का कार्यकल तय था. संबंधित विभाग की ओर से मतदाता सूची तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई. 

    -13 जनवरी 2017 को अंतिम मतदाता सूची भी घोषित की गई. 

    -10 जनवरी 2017 को राज्य सरकार ने कार्यकारिणी का कार्यकाल 6 माह तक के लिए बढ़ा दिया. 

    -8 मार्च 2017 को कार्यकारिणी का कार्यकाल समाप्त होने के चलते जिलाधिकारी कार्यालय की ओर से यहां प्रशासक की नियुक्ति कर दी गई.