For those trapped in lockdown, Lalpari will run from today
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  • अनियंत्रित्र बसें दे रहीं हादसे को निमंत्रण

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नागपुर. शहर में हर वर्ष सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है. ट्राफिक विभाग व आरटीओ द्वारा ट्राफिक नियमों के बारे में जनजागृति लाने के लिए किसी तरह की कोर-कसर नहीं छोड़ी जाती. बावजूद इसके शहर में आज भी एसटी की बसें, सिटी बस और निजी ट्रैवल्स की बसों के चालक बीच सड़क पर या चौराहों पर बसें खड़ी कर सवारियां उतारने और चढ़ाने का काम करते हैं. उनके द्वारा सड़क के बीचोबीच बसें खड़ी कर देने से दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है.

कई चौराहों पर ये बसें सड़क के बीच से सवारियां भरती हैं. ऐसी बसों के खिलाफ अब तक संबंधित विभागों द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. बसों की अफरातफरी शहर के जिन चौराहों व सड़कों पर मची रहती है उसमें सिविल लाइन्स भी अछूता नहीं रहा है. आकाशवाणी चौक में सिटी बसें स्टाप को छोड़ बीच सड़क पर खड़ी की जाती है. विधानभवन चौक का भी ऐसा ही हाल है. इधर अमरावती रोड में तो वेराइटी चौक से महाराजबाग चौक तक सिटी बसों और भोले पेट्रोल पंप व रविनगर चौक पर निजी ट्रैवल्स व एसटी बसों की मनमानी चल रही है.

रहाटे में की व्यवस्था

वर्धा रोड में पहले रहाटे टी प्वाइंट पर बसों का जमावड़ा बीच रोड में लगता था जिससे ट्राफिक जाम होता रहता था लेकिन अब मेट्रो रेलवे लाइन के नीचे बने नये रोड जो अजनी स्टेशन की ओर निकलता है में बस स्टाप बनाकर इस समस्या से निजात दिलाई गई है. लेकिन इस रोड में आगे छत्रपति चौक के आगे स्नेहनगर के समीप बसें बीच सड़क पर खड़ी कर दी जाती हैं. इनकी मनमानी को रोकने वाला कोई नहीं है. बर्डी में मानस चौक इनका शिकार है हालांकि यहां ट्राफिक पुलिस कर्मियों के उपस्थित रहते हैं लेकिन जब वे नहीं होते तो यहां भी रोड में सवारी भरने के लिए बसें खड़ी कर दी जाती है.

गणेशपेठ बस स्टैंड के आसपास की सभी सड़कों पर निजी ट्रैवल्स वाले सड़कों पर ही सवारी भरते नजर आते हैं. ये अब बसों को एक जगह खड़ी ना करते हुए चौराहे के गोल-गोल घुमाते रहते हैं और सवारियां भरने के लिए आवाज लगाते रहते हैं. सीए रोड में मेट्रो का काम जारी है. ऐसे में रोड दोनों साइड संकरे हो गए हैं. इस रोड सहित शहर से बाहर जाने वाले सभी मार्गों पर लगभग सभी चौराहों से ट्रैवल्स व एसटी की बसें सवारी लेने और उतारने के लिए बीच सड़क पर खड़ी कर देते हैं.

पैदल चलने वालों को भी तकलीफ

कम्प्यूटर इंजीनियर मिथिलेश देशमुख कहते हैं, हालत यह है कि बसों की मनमानी के चलते पैदल चलने वाले राहगीरों तक को तकलीफ हो रही है. फुटपाथों पर अतिक्रमकारियों का कब्जा होने के कारण चलने को जगह नहीं होती और सड़कों पर बस चालकों का आतंक पसरा हुआ है. कई प्वाइंट तो खतरनाक बन गये हैं जहां लोगों को रोड क्रास करना होता है और वहां फुटओवरब्रिज भी नहीं. कब कौन बसचालक तेजी से लाकर सड़क पर खड़ा कर दे कहा नहीं जा सकता. 

कार्रवाई सतत जारी है 

ट्राफिक विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे बस चालकों के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी है. मनमानी करने वाले बस को डिटेन करने की कार्रवाई की जाती है. सिटी बसों, निजी ट्रैवल्स और एसटी बस जो नियमों की अवहेलना कर सड़क के बीच में बसें खड़ी कर रहे हैं उनके खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है और यह आगे भी चलती रहेगी. बसों को बीच सड़क पर खड़ा कर सवारियां लेने-उतारने के दौरान ट्राफिक अस्तव्यस्त हो जाता है और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. इसलिए विभाग ऐसे सभी प्वाइंट पर खास नजर रखती है.