नागपुर. पिछले सप्ताह से आरेंज सिटी में अच्छी ठंड पड़ रही थी. लेकिन शनिवार को मौसम में एक बार फिर करवट ली. सुबह तो धूप निकली. लेकिन दोपहर बाद आसमान में बादल छाए रहने से शाम तक मौसम बदरीला बना रहा. कोरोना के इस संकट काल में मौसम की मार से खुद को बचाए रखना जरुरी हो गया है. इस मौसम में सर्दी, जुकाम जैसी शिकायतें आम होती है. यही वजह है कि डॉक्टरों ने सावधानी और सतर्कता बरतने का आहवान किया है.
आसमान पर बादल छाए रहने से ठंड का असर कुछ कम हुआ है. वहीं शनिवार को सुबह के वक्त कुछ इलाकों में हल्की बुंदाबांदी भी हुई. हालांकि मौसम तो सुहाना हो गया है. लेकिन स्वास्थ्य के लिए उपयुक्त नहीं है. डॉक्टरों की मानें तो इस मौसम में सर्दी और जुकाम की शिकायतें बढ़ जाती है. वैसे भी कोरोना की वजह से लोगों में अब भी डर बना हुआ है. मामूली सर्दी, जुकाम होने पर भी डॉक्टर टेस्ट कराने की सलाह देते हैं. डॉ. एम याकूब ने बताया कि बदरीले मौसम में सर्दी, जुकाम के साथ ही हाथ-पैर में दर्द की शिकायत बढ़ जाती है. यह मौसम अस्थमा के मरीजों को खतरनाक हो सकता है. तबीयत खराब लगने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना ही उपयुक्त होगा. अपनी मर्जी से दवाई का सेवन मुश्किल में डाल सकता है.
बच्चों को सर्दी से बचाएं
ठंड का सीजन स्वास्थ्य की दृष्टि से हेल्थी माना जाता है. इस सीजन में खुराक भी बढ़ जाती है. लेकिन दिसंबर-जनवरी में बदरीला मौसम बनता ही है. साथ ही कई बार बारिश भी होती है. बारिश होने के बाद एक बार फिर ठंड बढ़ सकती है. मेडिकल के डॉ. अविनाश गावंडे ने बताया कि इस मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य पर सीधा असर पड़ता है. सर्दी, खांसी के साथ ही पेट दर्द की भी शिकायत बढ़ती है. यही वजह है कि बाहरी खाद्य पदार्थ से परहेज करना चाहिए. संक्रमण तेजी से फैलने की वजह से समय-समय पर हाथ धोते रहना भी अनिवार्य है. बच्चों को गर्म कपड़े पहनाए. साथ ही ठंडी चीजें खाने को न दें. ताकि गले में इंफेक्शन से बचा जा सके.
खेती के लिए नुकसानदायक
बदरीला मौसम केवल स्वास्थ्य के लिए ही नहीं बल्कि, फसलों के लिए भी नुकसानदायक है. इस मौसम में सबसे अधिक प्रभावित तुअर फसल होगा. तुअर के फूल झड़ने के साथ ही उसमें इल्लियां भी लगती हैं. साथ ही फूलों की खेती के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है. यही वजह है कि किसानों की भी चिंता बढ़ने लगी है.