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  • 2 दिनों में 56 लाख का माल पकड़ाया

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नागपुर. क्राइम ब्रांच शाखा ने गुप्त सूचना के आधार पर ट्रांसपोर्ट प्लाजा क्षेत्र में कार्रवाई कर लगभग 34 लाख रुपये की सुपारी पकड़ी. इसके पूर्व गुरुवार को भी विभाग की ओर से 22 लाख रुपये की सुपारी पकड़ी गई थी. दोनों ही मामले अन्न एवं औषधि विभाग (एफडीए) को सौंप दिया गया है. दोनों मामले को मिलाकर एफडीए के हाथ 56 लाख की सुपारी लगी है, जिसे सील किया जा रहा है.

शुक्रवार को देर शाम तक एफडीए अधिकारी सुपारी के सैंपल ले रहे थे. सूत्रों ने बताया कि क्राइम ब्रांच को पता चला कि मालिक राजेश पाहूजा के बीआरपी ट्रेडर्स के यहां पर सुपारी रखी हुई है. इसके बाद छापेमारी की गई. यहां पर 15 टन माल पकड़ा गया, जिसकी कीमत 34 लाख रुपये आंकी गई है. इसी प्रकार मोर्यानी रोड ट्रांसपोर्ट के गोदाम से  भी  22 लाख रुपये की सुपारी पकड़ी गई थी.

एफडीए ने लिए सैंपल

दोनों ही स्थानों से एफडीए के अधिकारियों ने सैंपल ले लिए हैं. अधिकारियों ने बताया कि दोनों ही स्थानों पर जो सुपारी पकड़ी गई है वह भारतीय सुपारी है.ऊपरी तौर पर देखने से ठीक लग रहा है. आयातित सुपारी नहीं है. हालांकि प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए सैंपल जांच के लिए भेजा गया है और शुक्रवार को लिए सैंपल को सोमवार को लैब में भेजा जाएगा. 

सक्रिय हुए कुछ गुप्तचर

सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से इतवारी सहित चिखली, कलमना आदि में 3-4 लोगों की टीम घूम रही है और खुद को ये पत्रकार बता रहे हैं. व्यापारियों से सीधे पैसों की मांग करते हैं, नहीं तो पुलिस और एफडीए को बुलाने की धमकी देते हैं. ऐसी ही सूचना के आधार पर कार्रवाई हो रही है लेकिन कार्रवाई करने पर पता चलता है कि माल आयातित नहीं, बल्कि भारतीय है. व्यापारियों में इसे लेकर गुस्सा है. भारतीय सुपारी की बिक्री पर कोई प्रतिबंध नहीं है और इसे कृषि उत्पाद का दर्जा मिला है. उनका कहना है कि पुख्ता जानकारी के अभाव में कार्रवाई होने से कारोबारी माहौल खराब हो रहा है.