Nitin raut
नितिन राउत (फाइल फोटो)

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    नागपुर. बीते कुछ महीनों से बिजली कंपनी महावितरण के निजीकरण के कयास लगाए जा रहे हैं. राज्य के 14 शहरों में बिजली आपूर्ति का लाइसेंस निजी कंपनियों को देने संबंधी खबरें भी बाहर आ रही हैं. नागपुर में तो अदानी द्वारा सर्वे तक की खबरें आई हैं. बिजली कर्मचारियों के संगठन द्वारा इसका विरोध भी शुरू हो गया है. ऐसे में अब खुद ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने महावितरण के निजीकरण की खबरों को निराधार बताते हुए स्पष्ट किया है कि ऊर्जा मंत्रालय या राज्य सरकार की ओर से ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है.

    उन्होंने आरोप लगाया कि राजनीतिक स्वार्थ के चलते भाजपा इस तरह की अफवाह उड़ाकर जनता की दिशाभूल कर रही है. दरअसल भाजपा खुद महावितरण के निजीकरण का प्रयास कर चुकी है और उसमें असफल रहने से निराश होकर अफवाह फैला रही है. उन्होंने कहा कि भाजपा के साथ ही कुछ संगठन स्वार्थ व राजनीतिक हेतु से प्रेरित होकर अफवाह फैला रहे हैं, जनता इन पर भरोसा न करे. 

    मविआ व मेरे खिलाफ षड्यंत्र

    राऊत ने कहा कि मविआ सरकार व मेरे खिलाफ माहौल बनाने के लिए साजिश रची गई है. भाजपा ने देश में सरकारी कंपनियों का निजीकरण करने का अभियान चलाया हुआ है. 2014 से केन्द्र की भाजपा सरकार ने बिजली क्षेत्र के निजीकरण के लिए 5-6 बार विद्युत कानून में संशोधन का प्रस्ताव लाया है. स्टैंडर्ड बिडिंग डाक्यूमेंट राज्य पर लाद कर निजीकरण का प्रयास भी करके देख लिया है. राऊत ने कहा कि उनके सहित देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस प्रस्ताव का विरोध किया है. वे बिजली की तीनों कंपनियों को फायदे में लाकर राज्य की जनता को सस्ती बिजली उपलब्ध कराने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं. किसानों के लिए नई कृषि पंप नीति, अपारंपिरक ऊर्जा अभियान शुरू किया है. ग्राहकों व कर्मचारियों के हित के लिए महावितरण का अस्तित्व टिकाए रखने के लिए गंभीर भूमिका ली है. 

    3 गुना बढ़ा दिया बकाया

    राऊत ने आरोप लगाया कि राज्य में महावितरण के निजीकरण का वातावरण तैयार करने के लिए भाजपा ने अपने शासनकाल में 5 वर्ष में महावितरण का बकाया 3 गुना बढ़ा दिया. सत्ता बदल जाने के बाद अब निजीकरण के लिए केन्द्र पर दबाव के साथ ही यहां भाजपा ही अफवाह उड़ाने में लगी है. भाजपा की तत्कालीन सरकार ने महावितरण को घाटे में लाकर निजीकरण का षड्यंत्र रचा था. मुनाफे में चलने वाली महानिर्मिति के जल विद्युत प्रकल्प का निजीकरण किया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा प्रवक्ता विश्वास पाठक के आरोप राजनीति से प्रेरित हैं.