Burglary, theft

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    नागपुर. परिमंडल 4 के अंतर्गत आने वाले थाना क्षेत्रों में लगातार चोरी की वारदातें सामने आ रही है. दक्षिण नागपुर के कई इलाकों में आए दिन चोरी हो रही है. सेंधमारी की वारदातों को रोकने के लिए उपयुक्त इंतजाम करने की आवश्यकता है लेकिन सच तो ये है कि स्थानीय पुलिस की गश्त नहीं होने के कारण चोरों के हौसले बुलंद हो गए है. दिन के उजाले में सेंधमार सक्रिय रहकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. रात में काम रामभरोसे ही चलता है. पिछले 8 दिनों की चुनिंदा 7 वारदातों को ही लें तो चोर अब तक 46 लाख से ज्यादा का माल चोरी कर चुके है. मंगलवार को भी दिनदहाड़े बेलतरोड़ी थाना क्षेत्र में चोरी की वारदात हुई.

    पुलिस ने संताजी सोसाइटी, मनीषनगर निवासी सचिन साहबराव सालनकर (36) की शिकायत पर मामला दर्ज किया. सचिन सुबह 11 बजे के दौरान अपने परिवार के साथ भाई के रिसेप्शन समारोह में हिस्सा लेने गए थे. अज्ञात आरोपी ने सुरक्षा दीवार फांदकर गली के दरवाजे का ताला तोड़ा. अलमारी से नकद 9,000 रुपये और सोने-चांदी के जेवरात सहित 2.36 लाख रुपये के माल पर हाथ साफ कर दिया. 

    कई दिनों से चल रहा खेल

    21 नवंबर की रात चोरों ने हुड़केश्वर के नीति अपार्टमेंट में रहने वाले विनोद रमेशराव कोंडे (40) के घर से 2.66 लाख रुपये का माल चोरी किया. अजनी के वंजारीनगर में रहने वाले ज्ञानेश्वर इंगोले 17 नवंबर को के घर से चोरों ने 28 तोला सोना सहित करीब 15 लाख रुपये का माल चोरी किया. 16 अगस्त को अजनी पुलिस ने ओमकारनगर इलाके में रहने वाले डॉ. अमित घाटगे की शिकायत पर मामला दर्ज किया. उनके घर से 20.62 लाख रुपये का माल चोरी हुआ था. वाठोड़ा के स्वप्निल लेआउट में 16 नवंबर की रात राकेश मारवाड़े के घर से 2.41 लाख का माल चोरी हुआ. हुड़केश्वर के कीर्तिनगर नरसाला परिसर में महिला चोरों ने दिनदहाड़े कुसुम शिंदेकर के घर से 4,000 रुपये के जेवरात चोरी कर लिए. 

    गश्त करती नहीं दिखती पुलिस

    किसी भी स्थान पर पुलिस की उपस्थिति ही बहुत बड़ा काम करती है. हर व्यक्ति के घर के बाहर पुलिस तो तैनात नहीं की जा सकती लेकिन थानों में तैनात कंट्रोल, पीटर, चेतक और पेट्रोल वैन का काम ही गश्त करना है. इसके अलावा सभी थानों में एरिया के हिसाब से बीट मार्शल तैनात किए गए है. उनकी गश्त भी प्रभावी ढंग से होना जरूरी है लेकिन नागरिकों का आरोप है कि पुलिस की गश्त नहीं होने के कारण ही रहवासी इलाकों में वारदातें होती है. रास्ते पर पुलिस होने से अपने आप असामाजिक तत्वों में डर पैदा होता है. लेकिन हर थाने में पर्याप्त मनुष्यबल होने के बावजूद वारदातें रुक नहीं रही है.