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    नागपुर. नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले कई गिरोह शहर में सक्रिय हैं. ठगों के कई रैकेट पकड़े जा चुके हैं और कई अब भी लोगों को चूना लगा रहे हैं लेकिन लोग फिर भी ठगों की बातों में आकर मेहनत की कमाई गंवा देते हैं. अब सदर पुलिस ने 4 ठग भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है. इन चारों ने लोगों को अलग-अलग संस्थानों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर रकम ली लेकिन किसी को नौकरी नहीं मिली. आरोपियों में गणपतिनगर गोधनी निवासी सुनील श्रावण उइके (35), खदान, बैरामजी टाउन निवासी आशीष भिवाजी उइके (42), मनीष उइके (45) और राकेश उइके (40) का समावेश है. नेलसन चौक निवासी फिलोमिना रेन्डॉल्फ लोबो (68) की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया. फिलोमिना का बेटा आयविन लोबो (30) नौकरी की तलाश में था. वे चाहती थीं कि बेटे को अच्छी नौकरी मिल जाए तो भविष्य भी अच्छा होगा. मार्च 2020 में परिचित महिला ने फिलोमिना को बताया कि सुनील उइके नामक व्यक्ति सरकारी नौकरी दिलाने का काम करता है. 

    6 पीड़ित पहुंचे थाने

    फिलोमिना ने उससे मुलाकात की. सुनील ने बताया कि उसकी रेलवे में अच्छी पहचान है. नौकरी के लिए 12 लाख रुपये लगेंगे. एडवांस के तौर पर उसने 1 लाख रुपये और दस्तावेज मांगे. फिलोमिना ने उसके अकाउंट में रकम ट्रांसफर कर दी. कुछ दिनों बाद सुनील ने बताया कि कोरोना के चलते नियुक्ति बंद है इसीलिए थोड़ा समय लगेगा. बाद में उसने फोन उठाना बंद कर दिया. जांच-पड़ताल करने पर पता चला कि सुनील और उसके भाइयों ने इस तरह कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की है. फिलहाल तो 6 पीड़ित सामने आए हैं जिन्हें आरोपियों ने रेलवे, वेकोलि, मेट्रो, मेडिकल और मनपा में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 5.81 लाख रुपये लिए. इनमें से किसी को नौकरी नहीं मिली. पीड़ितों ने सदर पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है. जानकारी मिली है कि उइके बंधुओं ने इस तरह और भी लोगों को फंसाया है. 

    बगैर परीक्षा के कैसे मिलेगी नौकरी?

    ऐसे ठगों से नागरिकों को भी सावधान रहना चाहिए. अब तक ठगे गए कई पीड़ित ऐसे हैं जिन्होंने अपने जीवनभर की कमाई इन ठगों के चक्कर में गंवा दी. सुशिक्षित लोग भी ठगों के झांसे में आ जाते हैं. रेलवे में किसी को भी पहचान से नौकरी नहीं मिलती. किसी भी पद पर नियुक्ति करने के लिए रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड द्वारा परीक्षा ली जाती है. जो लोग परीक्षा में पास होते हैं हुए उन्हें ही मेरिट के हिसाब से नियुक्त किया जाता है. लगभग सभी सरकारी विभागों में पद भर्ती के लिए आवेदन लिए जाते हैं. परीक्षा होती है और बाद में नियुक्ति होती है. फिर भी लोग आसानी से नौकरी पाने के चक्कर में ठगों का शिकार हो जाते हैं.