anil deshmukh

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    नागपुर. पूर्व मंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए 100 करोड़ की वसूली के आरोपों के बाद मुश्किल में फंसे पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के घर पर सोमवार को सीबीआई की टीम ने दबिश दी. बताया जाता है कि सीबीआई की टीम गिरफ्तारी का वारंट लेकर बंगले में दाखिल हुई लेकिन इसकी पुष्टि अधिकारियों ने नहीं की. न तो देशमुख घर पर थे और न मामले से जुड़ा परिवार का कोई सदस्य. कई घंटों की जांच के बाद सीबीआई की टीम वापस लौट गई.

    ज्ञात हो कि इसके पहले भी सीबीआई 3 बार देशमुख के बंगले पर छापा मार चुकी है. सोमवार की सुबह 8 बजे के दौरान दिल्ली सीबीआई के 5 और स्थानीय 4 अधिकारी और कर्मचारी देशमुख के बंगले पर पहुंचे. इस समय परिवार का कोई सदस्य घर पर नहीं था. नितिन दीक्षित और कुणाल श्रीवास्तव नामक ऑपरेटर ने दरवाजा खोला. परिवार के सभी सदस्यों के बारे में दोनों से पूछताछ की गई लेकिन दोनों को कोई जानकारी नहीं थी. कुछ समय इंतजार करने के बाद सीबीआई की टीम ने निवास स्थान पर स्थित देशमुख के कार्यालय को खंगाला. वहां रखी सभी फाइलों और कागजातों की जांच की गई.

    सीबीआई टीम के पहुंचने की खबर मिलते ही सीताबर्डी पुलिस ने बंगले के सामने बंदोबस्त लगा दिया. चर्चा ये भी है कि टीम अनिल देशमुख, उनके बेटे सलिल देशमुख और बहू की गिरफ्तारी का वारंट लेकर पहुंची थी लेकिन इस बारे में कोई अधिकारी बोलने को तैयार नहीं था. बताया जाता है कि टीम ने हर व्यक्ति के टेबल और ड्रावर में रखे दस्तावेज खंगाले लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा. शाम 4 बजे टीम वापस रवाना हो गई.

    इसके पहले 6 बार ईडी की टीम भी देशमुख के घर पर छापेमारी कर चुकी है. ज्ञात हो कि लगभग 1 महीने से देशमुख का कोई अता-पता नहीं है. सीबीआई और ईडी द्वारा लगातार छापेमारी करने की वजह से परिवार को कोई सदस्य भी घर पर नहीं रहता. उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी किया गया है. इसके पहले न्यायालय भी ईडी की जांच में उपस्थित नहीं रहने की वजह से समन्स जारी कर चुका है.

    कार्यकर्ताओं ने किया विरोध प्रदर्शन

    सीबीआई की टीम के देशमुख के घर पर पहुंचने की खबर जंगल में आग की तरह राष्ट्रवादी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में फैल गई. देखते ही देखते पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता निवास स्थान पर जमा होने लगे. कोई गड़बड़ी न हो इसके लिए पुलिस बंदोबस्त बढ़ा दिया गया. कार्रवाई के विरोध में कार्यकर्ता घर के सामने ही धरने पर बैठ गए. केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई. कुछ समय के लिए परिस्थिति तनावपूर्ण बन गई थी. कार्यकर्ताओं को आक्रमक होते देख पुलिस ने करीब 20 लोगों को डिटेन कर लिया.