Gutter water spreading on the road, matter in front of Nagpur railway station
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    नागपुर. ग्रेट इंडियन पेनिनसुला (जीआईपी) रेलवे के उत्तराधिकारी, मध्य रेल ने अपने स्थापना दिवस के गौरवशाली 70 वर्ष पूरे  किए. मध्य रेल के महाप्रबंधक अनिल कुमार लाहोटी ने मध्य रेल के 71वें स्थापना दिवस पर रेल यात्रियों, उपयोगकर्ताओं और रेल कर्मियों का अभिनंदन किया. उल्लेखनीय है कि एशिया (और भारत) में पहली ट्रेन शनिवार, 16 अप्रैल, 1853 को मुंबई और ठाणे के बीच चली थी. जैसे-जैसे समय बीतता गया, ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे का विस्तार हुआ. 1,900 में जीआईपी रेलवे कंपनी का साथ इंडियन मिडलैंड रेलवे कंपनी के विलय हुआ. इसकी सीमाएं उत्तर में दिल्ली, उत्तर-पूर्व में कानपुर और इलाहाबाद और पूर्व में नागपुर से दक्षिण-पूर्व में रायपुर तक फैली हुई थीं. इस प्रकार, बंबई से कनेक्शन के माध्यम से भारत के लगभग सभी हिस्सों से जुड़ गया. जीआईपी रेलवे का रूट माइलेज 1,600 (2575 किमी) था. 

    3 स्टेट के एकीकरण ने बनाया मध्य रेल

    5 नवंबर 1951 को निजाम स्टेट, सिंधिया स्टेट, धौलपुर स्टेट को एकीकृत करके मध्य रेल का गठन किया गया था. वर्तमान में, मध्य रेल में 5 मंडल यानी मुंबई, भुसावल, नागपुर, सोलापुर और पुणे हैं. मध्य रेल का नेटवर्क महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और कर्नाटक राज्यों में 4,151 रूट किमी में फैला हुआ है और इसमें कुल 471 स्टेशन हैं. मध्य रेल ने पिछले 70 वर्षों में कई उपलब्धियां हासिल कीं. उनमें से कुछ उपलब्धियों में पहली शताब्दी एक्सप्रेस, पहली जन शताब्दी एक्सप्रेस, पहली तेजस एक्सप्रेस और पिछले साल प्रारंभ हुई पहली किसान रेल शामिल हैं.

    मध्य रेल की आरंभिक लदान जो गठन के समय 16.58 मिलियन टन थी, अब वर्ष 2020-21 में बढ़कर 62.02 मिलियन टन हो गई है. वर्ष 2021-22 में, अप्रैल-अक्टूबर में 41.02 मिलियन टन ने अपना अब तक का उच्चतम माल लदान हासिल किया है. उपनगरीय सेवाएं भी 1951 में 519 से बढ़कर 2021 में 1814 हो गई हैं.