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    नागपुर. सिटी में जिस संख्या में वाहनों का दबाव सड़कों पर होता है उस अनुपात में पार्किंग की सुविधा अभी भी उपलब्ध नहीं है. हालत यह है कि बाजार परिसर हों या फिर अन्य सड़कें, दोनों साइड में वाहनों की पार्किंग की जाती है. जिससे जाम की स्थिति बनती रहती है. इस परेशानी से बचने के लिए तात्कालीन डीसीपी ट्रैफिक राजवर्धन ने कई व्यस्ततम सड़कों को नो पार्किंग जोन घोषित किया था. लेकिन आज हालत यह है कि उन्हीं सड़कों पर वाहनों की अफरातफरी मची रहती है. सड़कों व फुटपाथ पर दोनों साइड में टूव्हीलर व फोर व्हीलर खड़ी की जा रही है और आश्चर्य की बात तो यह है कि संबंधित विभाग किसी तरह की ठोस कार्रवाई भी नहीं कर रहा है. राजवर्धन ने कुछ सड़कों को पूरी तरह नो पार्किंग जोन घोषित किया था और कुछ सड़कों पर सिंगल लाइन पार्किंग की व्यवस्था की थी. उनके बाद उस व्यवस्था को देखने वाला भी नहीं है. नो पार्किंग जोन में ही नियमों की धज्जियां बेखौफ उड़ाई जा रही है. 

    ऐसे की गई थी व्यवस्था

    सीए रोड में अग्रेसन चौक से चिटणीस पार्क चौक तक रोड के दोनों साइड में नो-पार्किंग जोन बनाया था लेकिन अब यहां वाहनों को खड़े देखा जा सकता है. धंतोली एरिया में शाकुंतल बिल्डिंग से मेहाडिया चौक, पंचशील चौक से तिलक पत्रकार भवन तक, चाणक्य अपार्टमेंट से विठ्ठल अपार्टमेंट धंतोली गार्डन तक, जनता चौक से रहाटे कालोनी के बीच ज्योति बिल्डिंग तक, चाणक्य अपार्टमेंट से रायलविस्टा अपार्टमेंट से धंतोली गार्डन के उत्तर की ओर का रोड, एमएसईबी कार्यालय धंतोली गार्डन से सिहो कैन्सर हस्पीटल तक गार्डन के पश्चिम दिशा वाले रोड में वाहनों की पार्किंग पर बंदी लगा दी गई थी. इन सभी परिसर में पार्किंग की जा रही है. 

    फोरव्हीलर भी घुस रहे

    महल चौक से बड़कस चौक जाने वाले रोड में दोपहिया वाहनों को छोड़ सभी वाहनों पर बंदी लगा दी गई थी. यहां आने वाले ग्राहकों के लिए केलीबाग रोड पर मनपा की ओर से 250 दोपहिया पार्किंग की सुविधा उपलब्ध की गई. आज सड़क के किनारे दोपहिया तो खड़े नजर आते ही हैं साथ ही फोरव्हीलर भी घुस रहे हैं. रामदासपेठ एरिया में पुष्पकुंज अपार्टमेंट से आदित्य डेन्टल केयर तक, इंडियन ओवरसीज बैंक से नुक अपार्टमेन्ट तक, मोशन कार्यालय से केसा भवन तक, तेजोमय अपार्टमेन्ट से एड. आरएस पंडित बंगला तक, पद्मा अपार्टमेंट से शिरीष अपार्टमेंट तक सभी प्रकार के वाहनों पर पाबंदी लगाई गई थी. हालांकि विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह व्यवस्था 31 मार्च तक की थी लेकिन उसे आगे बढ़ाने की जरूरत है. 

    बढ़ रही वाहनों की संख्या

    30 लाख की आबादी वाले शहर में लगभग 20 लाख दोपहिया वाहन हैं और 2.5 लाख कारें. हर दिन दोपहिया वाहनों की संख्या में बढ़ोतरी होती जा रही है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग अपने दोपहिया वाहनों से ही आना-जाना पसंद करते हैं. लेकिन पार्किंग की जगह नहीं होने के कारण फुटपाथ या सड़क के किनारे जहां जगह मिली गाड़ी खड़ी करनी पड़ती है. हर वर्ष लगभग 6-7 हजार नये वाहन शहर की सड़कों पर उतर रहे हैं. शहर में फुटपाथों को देखो तो लगता है जैसे यह राहगीरों के चलने के लिए नहीं बल्कि दोपहिया वाहन के पार्किंग स्थल और चिल्लर विक्रेताओं व गुमटी वालों की ही जगह है.

    बाजार क्षेत्रों में हाल बेहाल

    प्रापर्टी डीलर अशोक सिंह चव्हाण कहते हैं कि शहर के बाजार क्षेत्रों में तो हाल बेहाल हैं. लोगों को गाड़ी खड़ी करने को जगह ही नहीं मिलती इसलिए फुटपाथ पर ही गाड़ी पार्क कर दिया जाता है. सिविल लाइन्स क्षेत्र में भी बैंकों के सामने लोग फुटपाथ पर या सड़क के किनारे गाड़ी खड़ी करते हैं. वेस्ट हाईकोर्ट रोड में शंकरनगर से काफी हाउस चौक के आगे तक वाहनों की कतारें सड़कों के किनारे नजर आती है. यहां तो दोपहिया वाहनों को भी जगह नहीं मिल पाती. सीताबर्डी में गोवारी ओवरब्रिज के नीचे पार्किंग व्यवस्था की गई है लेकिन यह अपर्याप्त है. गाडि़यों की संख्या को देखते हुए शहर में पार्किंग की व्यवस्था बेहद अपर्याप्त है इसलिए अफरातफरी मची रहती है. पर्याप्त व्यवस्था हो तो लोगों को फुटपाथ पर वाहन खड़ी करने की जरूरत ही नहीं होगी.