Fraud
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    नागपुर. कृषि उत्पन्न बाजार समिति में एजेंसी और कर्मचारियों की मिलीभगत कर चना उत्पादक किसानों के साथ धोखाधड़ी का मामला सामने आया है. प्रेस परिषद में पूर्व विधायक सुधीर पारवे, प्रदेश किसान मोर्चा महामंत्री आनंदराव राऊत ने खुलासा किया कि समर्थन मूल्य से 1000 से 1500 रुपये कम भाव में चना की खरीदी कर एजेंसी के माध्यम से वखार महामंडल में रवाना किया गया.

    नाफेड ने चना का भाव 5230 रुपये निर्धारित किया था लेकिन बाजार समिति के कर्मचारियों ने खरीदी करने वाली एजेंसी से मिलीभगत कर 4100 रुपये के क्विंटल के भाव से 300 टन चना खरीदा.

    उन्होंने इस धोखाधड़ी की उच्च स्तरीय जांच की मांग की. प्रेस परिषद में अशोक धोटे, अजय बोढारे, भास्कर इंगले, कपिल आदमने भी उपस्थित थे. बताया गया कि भंडारा जिले के पवनी तहसील के पोशिंदा फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी मोखारा के माध्यम से यह खरीदी की गई. साफ न करते हुए नाफेड के बारदाना में पैंकिंग व स्टैंपिंग कर सीधे वखार महामंडल के वड़सा गोदाम में रवाना किया गया.

    उन्होंने बताया कि एजेंसी के मार्फत दलाल व अढ़तिया के साथ बोली कर चना की खरीदी की जा रही है. ये लाबिंग कर भाव कम कर किसानों को फंसाते हैं. इस धोखाधड़ी में कुछ बड़े व्यापारी, कर्मचारी व अधिकारियों की मिलीभगत है. राजनीतिक संरक्षण में किसानों की लूट का आरोप लगाया गया.