Koradi Ash Dam Case

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    नागपुर: उप-मंडल अधिकारी श्याम मदनूरकर ने कामठी तहसील में खासा राख बांध फटने की घटना की जांच करते हुए मुख्य अभियंता राजेश कराडे, अधीक्षण अभियंता शिरीष वाट को आपराधिक प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 133 के तहत लापरवाही का दोषी पाया है। दिलचस्प बात यह है कि जब 16 जुलाई को सुबह करीब 11 बजे खासाला ऐश डैम फटा, तो अचानक राख के साथ पानी की बाढ़ आ गई। बाढ़ की राख के साथ मिश्रित पानी खासाला, म्हसाला, कवथा, सुरदेवी के गांवों में घुस गया और किसानों की फसलों के साथ घरों, सड़कों और सिंचाई नहरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। अनुमंडल अधिकारियों ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता का लिखित बयान संतोषजनक नहीं है।

    लापरवाही की वजह से हुई घटना

    जांच के दौरान एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है कि राख बांध का काम अधूरा है। मुख्य अभियंता की ओर से संबंधित ठेकेदार को स्थल उपलब्ध नहीं कराया गया। उल्लेखनीय है कि आदेश की प्रति में मुख्य अभियंता की ओर से ठेकेदार का नाम गुप्त रखा गया था। मौजा म्हसाला में 12 घर ढह गए। 25 किसानों को 4,42,035 का नुकसान, किसान फूलचंद बरबतकर की भैंस की मौत खैरी गांव में जलापूर्ति योजना के 2 कुओं में राख के साथ पानी मिलने से 4 मोटर पंप, पाइप लाइन, सोलर प्लांट क्षतिग्रस्त हो गए।

    म्हसला-कोराडी सुरदेवी को जोड़ने वाली 2.50 किमी. म्हसाला अंतर्गत 2.50 किमी की सड़क, गांव की सड़क, सुरदेवी कवथा से 4 किमी की सड़क, म्हसाला को खैरी स्वास्थ्य उपकेंद्र से जोड़ने वाली 1 किमी. अंतर मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। इन सभी क्षतिग्रस्त कार्यों को पूरा करने के लिए मुख्य अभियंता राजेश करदे को आदेश दिया गया है। नहर की मरम्मत के आदेश भी दे दिए गए हैं। साथ ही राख बांध को मजबूत करने को भी कहा है।