Minor Girl's Neck Cut by Nylon Manja

  • आखिर कौन फेल, पुलिस या प्रशासन?

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नागपुर. हर दिन पुलिस छापेमारी में लाखों का प्रतिबंधित चायनीज मांजा जब्त किया जा रहा है. दूसरी तरफ एक दिन पहले फारूकनगर में प्रतिबंधित मांजा के कारण 5 वर्षीय बालिका का गला चिर गया. गनीमत रही कि बच्ची का जान बच गई. इस घटना ने एक बार फिर शहर को झकझोर दिया. सवाल यह है कि यदि चायनीज मांजा प्रतिबंधित है तो फिर बन कहां रहा है और बिक कैसे रहा है? क्या ऐसे जानलेवा मांजा बनाने और बिक्री पर रोक लगाने से पुलिस और प्रशासन पूरी तरह से फेल साबित हो रहा है? क्योंकि प्रतिबंध तो कई वर्षों से जारी है लेकिन आज तक इनके तस्करों और बिक्री करने वालों पर सख्त कार्रवाई सामने नहीं आई, भले ही चायनीज मांजा के कारण जानें चली गईं हों.

पुलों पर नहीं लगे सुरक्षा तार

मकर संक्रांति पास आते ही शहरवासियों पर पतंगबाजी का जोश छा जाता है. पतंगबाजी के लिए जरूरी मांजा की मांग बढ़ जाती है लेकिन आसानी से पतंग न कटे इसलिए लोग चायनीज मांजा खरीदना पसंद करते हैं. इस मांजा के वास्तविक शिकार पतंग नहीं बल्कि दोपहिया वाहन चलाने वाले या पैदल चलने वाले लोग हो जाते हैं. कटकर जा रही पतंग के मांजा में गर्दन फंसने के चलते कई लोग बुरी तरह गंभीर रूप से जख्मी हो जाते हैं. प्रतिबंधित मांजा शहर में हर वर्ष एक न एक जान तो ले ही लेता है. वहीं कई लोगों की गर्दन और शरीर पर जिंदगीभर के जख्म दे जाता है. वाहन चालकों को मांजा से होने वाली दुर्घटना से बचाने के लिए सिटी के ओवरब्रिज के दोनों ओर इलेक्ट्रिक पोल पर तार बांध दिए जाते हैं ताकि मांजा ऊपर से ही निकल जाए लेकिन इस बार मकर संक्रांति को 5 दिन बाकी है और अभी तक ऐसा कुछ नहीं किया गया. लगता है कि पुलिस और प्रशासन पुख्ता तौर पर आश्वस्त है कि इस बार चायनीज मांजा से पतंग नहीं उड़ाई जा सकेगी.

नहीं दिलाई जा सकी सजा

कई वर्षों से प्रतिबंधित चायनीज मांजा लोगों को गहरे जख्म देता आ रहा है. कई लोग इसका शिकार हो जान गंवा चुके हैं. पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामले भी दर्ज किए लेकिन आज तक आरोपी ‘अज्ञात’ ही हैं. किसी को भी सजा नहीं दी जा सकी. इसकी मुख्य वजह है कि मांजा के आधार पर किसी को भी आरोपी नहीं बनाया जा सकता क्योंकि मांजा किसका का था? ये पता नहीं चलता. 

… तो चला दिया जाए बुलडोजर

उल्लेखनीय है कि पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश के उज्जैन में प्रतिबंधित चायनीज मांजा बेचने वालों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया जा रहा है. जिलाधिकारी ने चायनीज मांजा बेचने और तस्करी करने वालों के घर जमींदोज करने का आदेश दिया है. इसके अलावा उनके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाएगी. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस आदेश का मान्य किया है. खास बात है कि एक तस्कर को मिट्टी में मिलाया जा चुका है. ऐसे में घर से बेघर होने के डर ने चायनीज मांजा की तस्करी और बिक्री करने से दूर कर दिया है. क्या इस प्रकार की सख्त कार्रवाई शहर या राज्य में संभव नहीं है या फिर कोई न कोई बच्चे, महिलाएं,  बूढ़े और जवान इस प्रतिबंधित मांजा का शिकार होते रहेंगे. 

CP ने की अपील 

शहर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने शहरवासियों से अपील की है कि हाई कोर्ट के निर्देश पर पूरे महाराष्ट्र राज्य में नायलॉन मांजा की बिक्री और भंडारण पर रोक लगी हुई है. फिर भी किसी भी शहरवासी को शहर में कहीं भी नायलॉन मांजा की बिक्री या भंडारण दिखे तो तुरंत हेल्पलाइन क्रमांक 9823300100, 100 और 112 पर कॉल करके पुलिस को सूचित करें.