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    नागपुर. परिवहन विभाग ने वर्ष 2003 से 19 वर्षों के बाद जून 2022 में सिटी के ऑटो रिक्शों के लिए नया टैरिफ लागू किया. ऑटो रिक्शा चालकों को जल्द से जल्द मीटर कैलिब्रेशन कराकर अपडेशन को आदेश दिया. हालांकि करीब 4 महीने बीतने के बाद भी सिटी के करीब 80 प्रतिशत ऑटो रिक्शा चालकों ने मीटर कैलिब्रेशन नहीं कराया है. प्रादेशिक परिवहन कार्यालय द्वारा ऑटो रिक्शा चालकों से 450 रुपये की फीस वसूली जा रही है ऑटो चालकों का आरोप है कि प्रादेशिक परविहन द्वारा ली जा रही फीस बहुत अधिक है. एक ओर सिटी में मीटर से ऑटो रिक्शा चलने का ट्रेंड नहीं और दूसरी तरफ इतने महंगी फीस में कैलिब्रेशन कराना जेब पर भारी पड़ेगा.

    14 से 18 रुपये किया टैरिफ

    ज्ञात हो कि जून में परिवहन आयुक्तालय के आदेश पर नागपुर और पुणे, दोनों शहरों में ऑटो रिक्शा चालकों के लिए एक साथ नया टैरिफ जारी किया गया. नये टैरिफ के अनुसार मीटर 18 रुपये से शुरू होगा और हर डेढ़ किलोमीटर में 27 रुपये जुड़ेंगे. नागपुर शहर में में 2003 के बाद यह वृद्धि की गई. सिटी के करीब 16,500 ऑटो रिक्शा चालकों ने नये टैरिफ के प्रति रोष जताया लेकिन मीटर कैलिब्रेशन के लिए भी 450 रुपये फीस ने जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है.

    50 का काम, 450 रुपये फीस

    भले ही परिवहन विभाग द्वारा जारी आदेश में सख्ती की बात की गई हो लेकिन स्वयं आरटीओ ऑफिस की मीटर कैलिब्रेशन की अनिवार्यता को लेकर गंभीर नहीं दिखाई देता. स्टेशन के प्री-पेड बूथ के संचालक अल्ताफ अंसारी ने कहा कि इस देरी के लिए आरटीओ ऑफिस का कार्यप्रणाली दोषी है. हम मीटर कैलिब्रेशन को तैयार हैं लेकिन 50 रुपये के काम के लिए 450 रुपये वसूले जा रहे हैं. वहीं इसके लिए भी ऑटो रिक्शा चालकों को आरटीओ ऑफिस जाना होगा. कैलिब्रेशन हुआ तो ठीक नहीं तो पूरा दिन बर्बाद. भला रोजी-रोटी छोड़कर कौन जाना चाहेगा. यदि इस विषय पर आरटीओ इतना अधिक गंभीर है तो स्टेशन पर एक ही बार में 500 ऑटो रिक्शा मौजूद रह सकते हैं. आरटीओ विभाग एक कर्मचारी भेजे तो एक ही दिन में 500 से अधिक ऑटो रिक्शों में मीटर कैलिब्रेशन हो जायेगा. यही सिस्टम शहर के बाकी भागों में अपनाया जा सकता है लेकिन आरटीओ चाहता है कि ऑटो रिक्शा चालक आरटीओ ऑफिस आकर उन्हें दुआ-सलाम करे और फिर काम पर लगे.

    RTO का ढीला रवैया

    विदर्भ ऑटो रिक्शा चालक फेडरेशन के अध्यक्ष विलास भालेकर ने कहा कि 4 महीने बीतने के बाद भी 80 प्रतिशत से अधिक ऑटो रिक्शों में मीटर कैलिब्रेशन न हो पाने के लिए सिटी का आरटीओ विभाग जिम्मेदार है. परिवहन आयुक्तालय ने जितनी सख्त आदेश जारी किया, नागपुर का आरटीओ विभाग उतना ही ढीला रवैया अपना रहा है. हैरानी की बात है कि सिटी के ऑटो रिक्शों में जितने जबरन तरीके से मीटर लगवाये थे, उतनी ही सख्ती से मीटर सिस्टम लागू क्यों नहीं किया जाता.