Nagpur High Court
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नागपुर. सिविल सर्जन के रूप में सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष है. जबकि पहले यह 58 वर्ष हुआ करती थी. नियमों के अनुसार 2 वर्ष का कार्यकाल तो बढ़ाया गया, किंतु 6 माह के भीतर ही सेवानिवृत्ति के लिए नोटिस जारी किया गया. इसे चुनौती देते हुए सिविल सर्जन डॉ. अनिल रूढे की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश एम.डब्ल्यू. चांदवानी ने महाराष्ट्र प्रशासकीय प्राधिकरण के समक्ष चल रही सुनवाई होने तक सेवानिवृत्ति के आदेश पर रोक लगा दी. साथ ही अदालत ने राज्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव, हेल्थ एंड मिशन डायरेक्टर के आयुक्त, स्वास्थ्य सेवा संचालक, स्वास्थ्य सेवा उपसंचालक को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश जारी किए.

याचिकाकर्ता को लागू नहीं होता नियम

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि महाराष्ट्र सिविल सर्विसेज रूल्स 1982 के नियम 10 को समय-समय पर बदला गया है. उक्त नियम के अनुसार सेवानिवृत्ति की उम्र में हमेशा परिवर्तन होता रहा है. जिसके अनुसार वर्तमान में सिविल सर्जन की सेवानिवृत्ति की उम्र 60 वर्ष तय की गई है. याचिकाकर्ता को दिसंबर 2022 में 58 वर्ष की उम्र पूरी कर रहे थे. नियम 10 के अनुसार याचिकाकर्ता का सेवानिवृत्ति का काल बढ़ाया गया लेकिन 6 माह बाद ही 31 मई 2023 को सेवानिवृत्ति होने का नोटिस जारी कर दिया गया. जारी किए गए नोटिस में कहा गया कि नियम 10 का लाभ याचिकाकर्ता को दिसंबर 2022 में ही दिया गया है. जिसके चलते अब उन्हें पुन: यह नियम लागू नहीं होता है. 

जून से पहले मैट में सुनवाई नहीं

याचिकाकर्ता की ओर से सुनवाई के दौरान बताया गया कि महाराष्ट्र प्रशासकीय प्राधिकरण की नागपुर बेंच में इसे चुनौती दी गई है. किंतु मैट में 1 जून से पूर्व सुनवाई नहीं हो सकेगी. ऐसे में उन्हें जबरन सेवानिवृत्त होना पड़ सकता है. अत: नोटिस पर रोक लगाने के आदेश देने का अनुरोध अदालत से किया गया. सुनवाई के बाद अदालत की ओर से उक्त आदेश जारी किया गया.