MLA Krishna Khopde

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    नागपुर. मनपा चुनाव में तीन सदस्यीय प्रभाग पद्धति का निर्णय महाविकास आघाड़ी सरकार ने लिया है लेकिन कांग्रेस ही उसका विरोध कर रही है. भाजपा विधायक कृष्णा खोपड़े ने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस कंफ्यूजड पार्टी हो गई है. उसे हार का भय सता रहा है. शीतसत्र अधिवेशन में इसी सरकार ने ‘एक वार्ड एक सदस्य’ सिस्टम से चुनाव करना तय कर लिया था.

    सरकार के निर्णय के बाद चुनाव आयोग ने भी एक वार्ड एक सदस्य सिस्टम से चुनाव घोषित किया था. उस समय कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष नाना पटोले ही विस अध्यक्ष थे और उन्होंने इस सिस्टम का समर्थन किया था लेकिन फिर मविआ सरकार ने मंत्रिमंडल की बैठक में 3 सदस्यीय प्रभाग पद्धति से मुंबई को छोड़कर शेष महाराष्ट्र में चुनाव करने की घोषणा की.

    इस बैठक में भी कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष पटोले थे लेकिन अब फिर 3 सदस्यीय प्रभाग सिस्टम का विरोध करते हुए वे 2 सदस्यीय प्रभाग पद्धति से चुनाव की मांग कर रहे हैं. खोपड़े ने कहा कि हार के भय से कांग्रेस की चुनाव मैदान में उतरने की हिम्मत ही नहीं हो रही है वह कंफ्यूज हो गई है. पटोले की दोहरी भूमिका भी जनता के सामने आ गई है. उन्होंने कहा कि इस सरकार के एक-एक मंत्रियों को घोटाले सामने आने, मराठा व ओबीसी आरक्षण में असफल होने से सत्ताधारी पार्टियां चिंतित हैं. 

    राकां भी चाहती है 1 वार्ड एक सदस्य

    कांग्रेस के बाद राकां भी 3 सदस्यीय प्रभाग का विरोध कर रही है. शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे कहा कि एक वार्ड एक सदस्य या 2 सदस्यीय प्रभाग पद्धति का प्रस्ताव तैयार किया है. जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष को यह प्रस्ताव भेजा जाएगा. हालांकि राकां नेता व उप मुख्यमंत्री अजित पवार के कारण ही बहुसदस्यीय पद्धति अपनाई जा रही है लेकिन कांग्रेस इसका विरोध कर रही है. अब शहर राकां ने शुक्रवार को अपनी कोर कमेटी की बैठक ली जिसमें 1 वार्ड एक सदस्य या 2 सदस्यीय प्रभाग को उचित माना गया.

    बैठक में पूर्व मंत्री रमेश बंग के साथ राकांपा अल्पसंख्यक सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष शब्बीर विद्रोही, प्रदेश पदाधिकारी अनिल अहिरकर, बजरंग परिहार, दीनानाथ पडोले, जानबा मस्के, आभा पांडे, लक्ष्मी सावरकर, शैलेंद्र तिवारी, दिलीप पनकुले व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे. पदाधिकारियों की सहमति से शहर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे ने प्रस्ताव तैयार कर उसे प्रदेश अध्यक्ष को भेजने का निर्णय लिया गया. पदाधिकारियों का कहना था कि प्रभाग पद्धति से नगरसेवक की जवाबदेही तय नहीं हो पाती है. एक या दो सदस्य का प्रभाग ही अनुकूल होगा.