ST BUS
File Photo

    Loading

    नागपुर. बीते कई दिनों से शासन की नौकरी की आस में हड़ताल पर बैठे कर्मियों के लिए कोरोना का लॉकडाउन विलेन साबित हो सकता है. जिस तरह से केस बढ़ रहे हैं उससे राज्य में लॉकडाउन के हालात बन सकते हैं. कई कर्मचारियों को इसकी चिंता अब सताने लगी है. इसलिए उन्होंने एसटी महामंडल के अधिकारियों से संपर्क करना शुरू कर दिया है. सूत्रों की मानें तो वो नौकरी तो ज्वाइन करना चाहते हैं लेकिन वे इसके साथ एक शर्त जोड़ रहे हैं.

    जिसके अनुसार, अगर वे नौकरी ज्वाइन करते हैं तो उनके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. महामंडल के लोकल के अधिकारी इस शर्त पर मोहर लगाने के लिए तैयार नहीं है. उनका स्पष्ट कहना है कि यह निर्णय तो महामंडल के आला अधिकारी ही कर सकते हैं लेकिन यदि सभी कर्मचारी ग्रुप के रूप में ज्वाइन करते हैं तो वे महामंडल को कार्रवाई न करने के लिए निवेदन पत्र लिख सकते हैं. लेकिन अंतिम निर्णय तो महामंडल के आला कमान को ही करेगा. मंडल के लोकल अधिकारी भी इस बात को मान रहे हैं कि उनके पास कर्मचारियों के द्वारा लगातार शर्त के साथ ज्वाइनिंग के मैसेज आ रहे हैं. 

    सतर्क हुए पर चिंता बढ़ी

    एसटीकर्मियों की हड़ताल को मैनेज करने में लगे कर्मचारी महासंघ के नेता हड़ताल आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत तो हैं लेकिन राज्य में जिस तरह से कोरोना के केस बढ‍़ रहे हैं इसने उनकी चिंता बढ़ा दी है. वहीं हड़ताल में शामिल कई कर्मचारियों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है. परिवार का दबाव है कि नौकरी ज्वाइन करना है. अगर लॉकडाउन होता है तो सरकार हड़ताल खत्म करा सकती है. इन हालातों में उन्हें बेरोजगारी का सामना करना पड़ सकता है. सूत्रों की मानें तो दो से तीन दिनों में हड़ताल में कई परिवर्तन देखने को मिलेंगे. 

    पहली पर 20 पर पहुंची संख्या

    एसटी महामंडल द्वारा अंचल के विभिन्न क्षेत्रों में चलाई जा रही बसों की संख्या बढ़ाकर 20 कर दी गई है. इनमें गणेशपेठ के लिए 4, इमामवाड़ा के लिए 4, घाटरोड के लिए 2, उमरेड के लिए 3, सावनेर के लिए 2, वर्धमान के लिए 3, रामटेक के लिए 1 और काटोल के लिए 1 बस का समावेश है. इन 20 बसों ने मंगलवार को 62 फेरियां कीं. इन दौरान बसों ने 3933.8 किलोमीटर की यात्रा तय कीं. इस समय 2,560 प्रवासियों ने अपना सफर किया. मंडल के अधिकारियों का मानना है कि यह संख्या अभी और बढ़ेगी.