
नागपुर. भले ही पिछले वर्ष की तुलना में अभी तक शहर में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या कम हो लेकिन पिछले 3 दिनों में 3 लोगों की मौत और हर दिन हो रहीं दुर्घटनाओं के आंकड़ों ने शहर पुलिस के कान खड़े कर दिए हैं. ऐसे में शहर पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि सिटी ट्रैफिक में ‘ब्लैक स्पॉट्स’ सर्च किए जाएंगे जहां अक्सर दुर्घटनायें होती रहती हैं या फिर दुर्घटनाओं की प्रबल संभावना है. उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण के लिए इस उपाययोजना के लिए युद्ध स्तर पर काम किया जाएगा.
विकास कार्य तो चलते ही रहेंगे
उन्होंने कहा कि सिटी में जहां-तहां जारी सड़क व अन्य विकास कार्यों के बहाने सड़क दुर्घटनाओं से आंखें नहीं मूंदी जा सकतीं. यह बात सही है कि इनके चलते ट्रैफिक व्यवस्था में रुकावटें आती हैं लेकिन विकास कार्य तो चलते ही रहेंगे. हम शुरू से सड़क दुर्घटनाओं पर नियंत्रण का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने लापरवाह ठेकेदारों के लिए दो टूक संदेश देते हुए कहा कि विकास या किसी भी प्रकार के निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय निवासियों और ट्रैफिक में किसी प्रकार की परेशानी न हो, इस बात का पूरा ध्यान रखना चाहिए. यदि उनकी साइट पर कोई दुर्घटना हुई और वर्क ऑर्डर के अनुसार काम होता दिखाई नहीं दिया तो निश्चित ही उस ठेकेदार पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
चालान में अमीर-गरीब नहीं देखते
उन्होंने कहा कि ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर ट्रैफिक पुलिस अमीर और गरीब में कोई भेद नहीं करती. यह आरोप सही नहीं है. ट्रैफिक नियम और कानून सभी के लिए समान हैं. स्वतंत्रता दिवस पर बड़ी संख्या में शोर मचाने वाली बुलेट गाड़ियां जब्त की गईं. बुलेट चलाने वाला गरीब तो नहीं हो सकता. साथ ही उन्होंने कहा कि चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की मदद से ट्रैफिक नियम उल्लंघन पर चालान बनते ही हैं. ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को भी ई-चालान डिवाइस दिए गए हैं. कभी-कभी डिवाइस काम न करने पर पुलिसकर्मी अपने निजी मोबाइल से फोटो खींचकर भेज देता है लेकिन इन फोटो की सत्यता जानने के बाद ही चालान भेजे जाते हैं.
वर्दी जरूरी, स्कार्फ की बजाय मास्क पहनें
सीपी अमितेश कुमार ने कहा कि यह निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं कि ऑन ड्यूटी ट्रैफिक पुलिसकर्मी को वर्दी अनिवार्य होगी. नेम प्लेट, टोपी आदि पहनकर ही चौराहे पर खड़े हो सकते हैं. संभव हो तो स्कार्फ की बजाय मास्क का उपयोग करें. हालांकि कुछ विपरीत परिस्थितियों में कर्मचारी स्कार्फ का उपयोग करते हैं. स्कार्फ का उपयोग पहचान छुपाने के लिए नहीं बल्कि प्रदूषण से बचने के लिए किया जाता है.