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    नागपुर. रेलेव स्टेशन से भीड़ नदारद होते जा रही है. कोरोना संक्रमण के भय से लोग ट्रेनों में सफर करने से परहेज कर रहे हैं. रविवार को स्टेशन परिसर में चंद लोग ही नजर आए. दोपहर में तो बिल्कुल सुनसान जैसा माहौल था. 

    कोरोना संक्रमण की ‘रफ्तार’ का असर अब ऑरेंज सिटी में दिखने लगा है. इसका सबसे ज्यादा असर रेलवे स्टेशन पर नजर आ रहा है. पिछले तीन-चार दिनों से स्टेशन पर लोगों की भीड़ लगातार कम होते जा रही है. अति आवश्यक काम होने पर ही लोग ट्रेनों में सफर कर रहे हैं. स्टेशन परिसर में आमतौर पर सुबह में भीड़ रहती है, लेकिन आज सुबह भीड़ गायब थी. प्लेटफॉर्म नंबर 1 तथा 5 नंबर प्लेटफॉर्म पर कुछ लोग नजर आए, लेकिन शेष प्लेटफॉर्मों पर सन्नाटा पसरा रहा.

    महाराष्ट्र एक्सप्रेस ट्रेन के आने पर कुछ यात्री नजर आए, लेकिन उसके बाद दोपहर 12 बजे से 1.30 बजे तक तो स्टेशन परिसर में इक्के-दुक्के यात्री ही नजर आए. यही हालत टिकट काउंटरों पर भी नजर आई. हमेशा की तरह रहने वाली भीड़ आज नहीं थी. रिजर्वेशन काउंटर भी खाली नजर आए. यात्री विश्रामालयों में भी कम लोग ही थे. स्टेशन के प्रवेश द्वार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम फिर से सक्रिय हो गई है. पहले यहां पर एक दो कर्मचारी नजर आते थे, लेकिन आज चार कर्मचारी पूरी मुस्तैदी से डटे हुए थे. ये लोग यात्रियों से कोविड टीकाकरण को लेकर पूछताछ भी कर रहे थे. 

    उल्लेखनीय है कि नया साल शुरू हो चुका है. 14 जनवरी को मकर संक्रांति का त्यौहार था. फिलहाल स्कूलों में भी छुट्टियां चल रही हैं. ऐसे में लोग घूमने का प्रोग्राम बनाते हैं. सामान्य दिनों में इस दौरान स्टेशन परिसर में पैर रखने की जगह नहीं होती है. लेकिन कोरोना ने लोगों की मौज-मस्ती पर ब्रेक लगा दिया है. कोरोना संक्रमण के डर से घूमने-फिरने या रिश्तेदारों के यहां जाने के सभी प्रोग्राम लोगों ने कैंसिल कर दिए हैं. कहीं जाने से बेहतर लोग घरों में ही रहना पसंद कर रहे हैं. कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने नई गाइड लाइन जारी कर दी है, जिसे लागू करने के लिए सख्ती बढ़ने की उम्मीद है. ऐसी स्थिति में स्टेशन पर आने वाले यात्रियों की संख्या और भी ज्यादा कम हो सकती है.   

    जीएम का दौरा भी रद्द

    सेंट्रल रेलवे के जीएम अनिल कुमार लाहोटी का नागपुर दौरा भी कोरोना संक्रमण के चलते रद‍्द कर दिया गया है. पहले वे 6 जनवरी को यहां आने वाले थे. उनके दौरे को लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही थीं, लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इस तारीख को बढ़ाकर 12 जनवरी कर दिया गया. अब इसे अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है.