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    नागपुर. अतिरिक्त सह जिला न्यायाधीश व सत्र न्यायाधीश (विशेष पोक्सो कोर्ट) आरपी पांडे द्वारा 17 वर्षीय नाबालिग के विनयभंग और धमकाने के मामले में दोषी को 3 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई. दोषी का नाम नीलकमलनगर, दिघोरी निवासी अखिलेश मनोज शेंडे (21) है. कोर्ट ने अखिलेश को पोक्सो एक्ट में विनयभंग का दोषी मानते हुए 3 वर्ष की सश्रम जेल और 5,000 रुपये जुर्माना ठोका. जुर्माना न भरने पर 2 महीने की अतिरिक्त जेल होगी. वहीं धारा 354 (डी) में 1 वर्ष की जेल और 3,000 रुपये का आर्थिक दंड लगाया. आर्थिक दंड न भरने पर 1 महीने का अतिरिक्त कारावास होगा. इसी प्रकार, धारा 506 के तहत भी दोषी करार देते हुए यही सजा सुनाई. 

    क्या है मामला

    अखिलेश पर आरोप था कि 13 अप्रैल 2021 को दोपहर करीब 12.30 बजे नंदनवन थाना क्षेत्र में पीडि़ता का हाथ पकड़कर विनयभंग किया और शादी करने के लिए धमकाया. पीडि़ता और अखिलेश पहले से एक दूसरे को जानते थे. घटना के समय वह ट्यूशन जा रही थी. इसी दौरान अखिलेश वहां पहुंचा और उसने पीडि़ता का हाथ पकड़कर कहा कि तू मुझसे शादी नहीं करेगी तो मैं खुद को और तुझे जान से मार दूंगा. इसके बाद उसने पीड़िता से अश्लील हरकत भी की.

    शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर घटना की रात ही आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों और गवाहों के बयान के आधार पर कोर्ट ने अखिलेश को दोषी मानते हुए उक्त सजा सुनाई. जांच अधिकारी एएसआई योगिता तराले ने चार्जशीट फाइल की. पुलिसकर्मी अरुण वाघमारे ने कोर्ट का कामकाज देखा. अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील परसोडकर तथा बचाव पक्ष की ओर से एड. अमित शेंडे ने पैरवी की.