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    • लोकार्पण रोककर जनता और प्रशासन की बढ़ा रहे त्रासदी

    नागपुर. मनपा में आम चुनावों को देखते हुए राजनीति चरम पर है. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जीरो माइल से लेकर इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस तक बन चुके डीपी रोड पर अब सत्तापक्ष ‘उलटा चोर, कोतवाल को डांटे’ वाली कहावत चरितार्थ करते दिखाई दे रहा है. 2 माह पहले ही डीपी रोड का निर्माण पूरा किया गया किंतु चुनाव को देखते हुए बड़ा कार्यक्रम कर उपलब्धि दिखाने की सत्तापक्ष की जिद के चलते लोकार्पण रोका गया है जिससे जनता की त्रासदी बढ़ी हुई है.

    आश्चर्यजनक यह है कि अब मूलभूत सुविधाएं, सार्वजनिक सड़कें आदि विकास कार्य लंबित होने का हवाला देते हुए मनपा की विशेष सभा बुलाकर प्रशासन को ही घेरने की तैयारी तक की गई है, जबकि लोकार्पण पूरी तरह मनपा के सत्तापक्ष भाजपा की ओर से रोककर रखा गया है लेकिन जवाब प्रशासन से मांगा जा रहा है. 

    जनता की सभा में क्या देंगे जवाब?

    उल्लेखनीय है कि सोमवार को मनपा की विशेष सभा बुलाई गई है जिसमें कुछ विषयों पर गहमागहमी होने से इनकार नहीं किया जा सकता है. मनपा की सभा में प्रशासन से जवाब-तलब करने का अधिकार निश्चित ही चुनकर आए सत्तापक्ष-विपक्ष और अन्य पार्षदों को है. विकास कार्यों में अड़ंगा डालने पर प्रशासन को कटघरे में खड़ा किया जाना चाहिए.

    मनपा की सभा में प्रशासन की ओर से जवाब तो दिया जाएगा लेकिन डीपी रोड बनने के बाद भी अकारण इसे बंद कर रखने के लिए जनता की सभा में सत्तापक्ष भाजपा क्या जवाब देगी, यह सोच का विषय है. बहरहाल वरिष्ठ नेताओं की छवि पर पूरी तरह निर्भर मनपा का सत्तापक्ष अब तक क्या कार्य किए गए, इसे लेकर प्रशासन से सभा में प्रगति की रिपोर्ट मांगने जा रहा है. लेकिन सत्तापक्ष भाजपा के कारण महाराजबाग के भीतर से यूनिवर्सिटी तक जा रहे डीपी रोड और अब जीरो माइल से लेकर इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस तक के डीपी रोड बेतरतीब कार्यप्रणाली के शिकार होते दिखाई दे रहे हैं. 

    केवल बैठकों में है व्यस्त सत्तापक्ष

    बताया जाता है कि शहर विकास को लेकर सत्तापक्ष भाजपा गंभीर दिखाई नहीं देता है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि 2 माह से बन चुके डीपी रोड का लोकार्पण करने को लेकर तो कोई चर्चा नहीं होती, बल्कि सत्तापक्ष मनपा में भी केवल बैठकों में व्यस्त रहता है. दिनभर केवल बैठकें लेकर विकास कार्य करने का दिखावा किया जा रहा है लेकिन डीपी रोड के लोकार्पण के लिए न तो महापौर दयाशंकर तिवारी के पास कोई जवाब है और न ही सत्तापक्ष नेता इस संदर्भ में बोलने के लिए तैयार है. यहां तक कि स्थापत्य समिति सभापति भी इस संदर्भ में मुंह को ताला लगाकर बैठे हुए हैं.