- प्रभाग 34 में ट्रैफिक, गंदगी और खस्ताहाल सड़कों से लोग त्रस्त
नागपुर. ऑरेंज सिटी के संतुलित विकास को लेकर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों द्वारा कभी ध्यान नहीं दिया गया. कुछ इलाकों में व्यवस्था चकाचक नजर आती है जबकि कुछ हिस्सों में हाल-बेहाल है. एक नहीं, बल्कि दर्जनों शिकायतों के बाद भी समस्या का हल नहीं होता. स्थिति यह बन गई है कि मजबूरन लोगों को आंदोलन करना पड़ रहा है.
पूर्व नागपुर के प्रभाग-34 ‘ब’ के अंतर्गत आने वाली बस्तियों में सड़क, सफाई, गंदगी जैसी समस्याओं ने लोगों को परेशान कर रखा है. खुले प्लॉटों में जमा पानी से मच्छरों की फौज पनप रही है जिससे तरह-तरह की बीमारियां फैल रही है. पूर्व नागपुर के प्रभाग 34 ‘ब’ के तहत भारतनगर, नेताजीनगर, सूर्यनगर, सुभाननगर, गुजराती कॉलोनी, शिक्षक कॉलोनी, भरतवाडा, म्हाड़ा कॉलोनी नागपुर स्कूल आदि बस्तियों का समावेश है. पारडी रोड और कलमना मार्केट रोड का हिस्सा भी इसी प्रभाग में आता है.
पिछले वर्षों से बन रहा पारडी उड़ान की वजह से परिसर के नागरिक परेशान हो गये हैं. दिनभर ट्रैफिक जाम जैसी स्थिति बनी रहती है. स्थिति यह हो गई है कि ट्रैफिक जाम और खराब सड़क की वजह लोगों का रात के वक्त निकलना भी मुश्किल हो गया है.
खुले प्लॉट धारकों पर सख्त कार्रवाई
समद पटेल ने बताया कि क्षेत्र में खुले प्लॉटों की समस्या गंभीर हो गई है जबकि मनपा ने खुले प्लॉटों को लेकर नियम भी बनाया है. 20-25 वर्षों से खुले प्लॉट होने से बारिश के दिनों पानी जमा हो जाता है. घास और गंदगी की वजह से मच्छरों की पैदावार बढ़ गई है. मनपा में शिकायत करने पर अधिकारी प्लॉट धारक का पता लेकर आने की बात करते हैं. आसपास के घरों के लिए मुसीबत बन इन खाली प्लॉट धारकों पर कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. मनपा और एनआईटी द्वारा जब सख्त कार्रवाई नहीं की जाती, तब तक स्थिति में सुधार की उम्मीद नहीं है.
गार्डन की देखरेख नहीं
सुनील भुते ने बताया कि प्रभाग की बस्तियों में सड़कों की हालत खराब हो गई है. कुछ जगह सीमेंट रोड बनी है जबकि डामरीकरण वाले हिस्से में गड्डे हो गये हैं. वर्षभर नाली खुदाई का काम चलता रहता है जिससे गड्डे हो जाते हैं. सूर्यनगर में गार्डन है लेकिन देखरेख योग्य तरीके से नहीं की जाती. शाम के वक्त गार्डन में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा हो जाता है. इस वजह से सपरिवार जाने वाले भी कतराते हैं.
डेंगू, मलेरिया से लोग परेशान
किशोर चांगोले ने बताया कि प्रभाग में मनपा द्वारा स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया नहीं कराई गई है. इन दिनों डेंगू और मलेरिया के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद भी न ही फॉगिंग मशीन नजर आती है और न ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाई का छिड़काव किया जा रहा है. नागपुर को स्मार्ट सिटी बनाया जा रहा है लेकिन स्मार्टनेस केवल एक ही हिस्से में नजर आता है. मनपा की ओर से अलग-अलग जोन बनाए गये हैं लेकिन जोन के अधिकारी कभी प्रभागों में जाकर जनता की समस्याओं के बारे में अवगत नहीं होते. यही वजह है कि नागरिकों में रोष बढ़ता जा रहा है.–