
नागपुर. कोरोना के बाद से आरटीएम नागपुर विश्वविद्यालय की परीक्षाओं का पूरा शेड्यूल ही बिगड़ गया है. 2 वर्ष तक ऑनलाइन परीक्षा ली गई. इसमें अनेक तरह की खामियां उजागर हुईं. अब शीत सत्र से विवि द्वारा परीक्षा ली जा रही है लेकिन परीक्षा देर से शुरू होने के कारण अब ग्रीष्म सत्र की परीक्षाएं मई से आरंभ होने की उम्मीद है. यह परीक्षाएं जुलाई तक चलेंगी. यानी अंतिम वर्ष के छात्रों की दिक्कतें बढ़ना तय है. स्नातकोत्तर की प्रवेश प्रक्रिया जुलाई से आरंभ हो जाती है. इस हालत में अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने वाले छात्रों पर वंचित रहने की नौबत आ सकती है.
पिछले सत्र में प्रवेश प्रक्रिया देर से चलती रही. कुछ पाठ्यक्रम में तो जनवरी तक प्रवेश दिए गए. सेमेस्टर पैटर्न में 90 दिनों का शैक्षणिक कामकाज होना अनिवार्य है. इस हिसाब से विवि द्वारा अब तक शीत सत्र की ही परीक्षाएं ली जा रही हैं. कुछ विषयों की परीक्षा तो होली के बाद शुरू होने वाली है. मई में विदर्भ में भीषण गर्मी होती है. इस माहौल में परीक्षा देना बेहद मुश्किल हो जाएगा लेकिन विवि का कहना है कि उसके पास कोई पर्याय नहीं है. पाठ्यक्रम पूरा होने में नियमानुसार जितना वक्त लगता है, वह तो देना ही होगा.
परिणाम में भी होगी देरी
विवि प्रशासन मई से ग्रीष्म सत्र परीक्षा लेने की तैयारी में जुट गया है लेकिन शीत सत्र परीक्षाओं के परिणाम मई तक आएंगे या नहीं, यह भी संदेह का विषय है. मार्च, अप्रैल में होने वाली परीक्षा के परिणाम 45 दिनों के भीतर यानी मई तक आएंगे. सबसे अधिक दिक्कतें अंतिम वर्ष के छात्रों को हो सकती हैं. अनेक छात्र स्नातक करने के बाद स्नातकोत्तर के लिए अन्य विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेते हैं लेकिन प्रवेश के वक्त अंक सूची और डिग्री नहीं होगी तो प्रवेश से वंचित रहने की भी नौबत आ सकती है.
इस बार विवि द्वारा सभी सेमेस्टर की लिखित परीक्षा ली जा रही है. लिखित परीक्षा होने से परिणाम तैयार करने में भी देरी होगी. ग्रीष्म सत्र की परीक्षा में सबसे अधिक छात्र होते हैं. 4 जिलों में करीब 3 लाख परीक्षा देते हैं. अब छात्र संगठन मांग करने लगे हैं कि भले ही मई से परीक्षाएं ली जाएं लेकिन परिणाम तैयार करने का कार्य तेजी से हो ताकि अंतिम वर्ष के छात्रों को स्नातकोत्तर में प्रवेश के लिए वंचित रहने की नौबत न आए.