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नागपुर. वित्तीय वर्ष 2022-23 में स्थायी वित्त अधिकारी नहीं होने के कारण मनपा द्वारा बजट पेश करने में देरी हुई है लेकिन इस वर्ष मनपा आयुक्त  लगभग 20 दिन पहले बजट पेश करेंगे. नियमों के अनुसार 20 फरवरी तक बजट देना होता है लेकिन आम तौर पर इसमें देरी होती रही है. बताया जाता है कि सिटी में जी20 के आयोजन के चलते वर्तमान बजट में कुछ देर भले ही हुई हो लेकिन फरवरी में ही बजट पेश करने की तैयारी प्रशासन ने कर रखी थी.

बहरहाल अब मनपा आयुक्त शुक्रवार की दोपहर 12 बजे वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश करेंगे. संभवत: सिटी की विकास योजनाओं को लेकर लगभग 2,850 करोड़ का बजट पेश होने की आशा जताई जा रही है.  वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 2,684 करोड़ का बजट पेश किया गया था. 

सरकारी अनुदान का ही सहारा

जानकारों के अनुसार मनपा के पास अपनी आय के सीमित संसाधन हैं. सम्पत्ति कर, बाजार और पानी कर के अलावा केवल 1-2 योजनाएं हैं जिनके माध्यम से मनपा को आय होती है. सम्पत्ति कर में भी प्रति वर्ष आय की आशा तो रहती है किंतु हमेशा की तरह वसूली नहीं होने के कारण इसमें मनपा फिसड्डी रहती है. यही कारण है कि हर वर्ष मनपा को सरकारी अनुदान के भरोसे कामकाज निपटाना पड़ता है. गत वर्ष 2,684 करोड़ में 68.35 प्रतिशत सरकारी अनुदान मिलने की आशा जताई गई थी. इस वर्ष भी लगभग इतने ही अनुदान की अपेक्षा रखी जा रही है. 

सम्पत्ति कर आय में बढ़ोतरी की संभावना

बजट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2021-22 में सम्पत्ति कर से 307.11 करोड़ की आय का लक्ष्य रखा गया था, जबकि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 3 करोड़ का इजाफा कर 310.56 करोड़ रुपए की आय का लक्ष्य रखा गया था. जानकारों के अनुसार निजी एजेंसी द्वारा सम्पत्तियों को कर निर्धारण के दायरे में लाया गया था. जीयो इनेबल डेटा कलेक्ट करने से पहले कर के दायरे में केवल 5.40 सम्पत्तियां थीं, जबकि वर्तमान में 6.36 लाख से अधिक सम्पत्तियां कर के दायरे में आ चुकी हैं जिसकी वजह से सम्पत्ति कर में कुछ बढ़ोतरी होने की संभावना है.