
नागपुर. स्वतंत्र विदर्भ राज्य निर्माण सहित विविध मांगों को लेकर मुकेश मासुरकर के नेतृत्व में चौथे दिन भी विदर्भवादियों का श्रृंखलाबद्ध अनशन जारी रहा. अब तक किसी भी जनप्रतिनिधि ने अनशन की सुध नहीं ली. विदर्भ में बिजली दरों को कम करने, किसानों को अबाधित व 24 घंटे बिजली देने, गायरान जमीनों के अतिक्रमणधारकों को मालिकी हक के पट्टे देने, विदर्भ के बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने सहित विविध मांगों को लेकर अनशन किया जा रहा है.
विविध संगठनों से भी अब अनशन को समर्थन मिल रहा है. मासुरकर ने कहा कि विदर्भ के हक का 50 फीसदी पानी बह जाता है और तेलंगाना ने मेडिगट्टा बांध बनाकर 8 लाख किसानों को समृद्ध किया. केवल पश्चिम विदर्भ में 40 जगहों पर पानी स्टाक कर रखा जा सकता है. इससे औद्योगिक विकास किया जा सकता है.
उन्होंने दावा किया कि स्वतंत्र विदर्भ राज्य बनने के पहले 5 वर्ष में सिंचाई बैकलाग खत्म हो जाएगा. 10 लाख हेक्टेयर जमीन सिंचित होगी जिससे 40 लाख किसान समृद्ध होंगे. अलग राज्य बना तो आईटी सेक्टर में 3 लाख नौकरियां निर्मित होंगी. नक्सलवाद, कुपोषण, गरीबी दूर होगी. अनशन में नरेश निमजे, ज्योति खांडेकर, रवींद्र भामोडे, सविता पांडे, असलम खातमी, अशफाक रहमान, अमूल साकुरे, चंद्रशेखर दुरुगकर, अतुल रणदिवे, ऍड. विनोद बोन्दाडे, एड. रेवाराम बेलेकर, प्रकाश कुंटे, चंद्रकांत रंभाडे, जीशाद हुसैन, बंडू भांडेकर, प्रफुल्ल शिरदूरकर, मिथुन मोहरकर, गौरव अरोरा, दिनेश पांडे सहित बड़ी संख्या में विदर्भवादी शामिल हो रहे हैं.