वन मजदूर समय्या की पत्नी को आर्थिक मदद दी, तस्करों ने मौत के घाट उतार दिया था

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    नागपुर. वन तस्करों के हमले में मरने वाले वन मजदूर समय्या की पत्नी को सामाजिक संस्थाओं की तरफ से 1,25,000 रुपये की आर्थिक मदद प्रदान की गई. छह महीने पहले गड़चिरोली जिले के सिवांचा चौकी पर ड्यूटी करने के दौरान वन तस्करों ने उसे मौत के घाट उतार दिया था. वहां से सागवान की लकड़ियों की भारी मात्रा में तस्करी तेलंगाना में होती है.

    वन विभाग ने तस्करी को रोकने के लिए बॉर्डर पर चौकी बनाई थी. यहीं पर समय्या की ड्यूटी लगाई गई थी. वन विभाग में समय्या परमानेंट मजदूर नहीं था बल्कि दैनिक वेतनभोगी मजदूर के रूप में काम करता था. इसके कारण उसे सरकार की तरफ से बहुत कम आर्थिक मदद मिली.

    परिणामस्वरूप वन संरक्षण से जुड़े संगठन सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए मृतक समय्या के परिजनों की मदद के लिए आगे आए. सोमवार को सिरोंचा की उप वन संरक्षक पूनम पाटे की उपस्थिति में नागपुर के मानद वन्य जीव रक्षक अजिंक्य भटकर ने समय्या की पत्नी को 1.25 लाख का चेक सौंपा. उस समय वन परिक्षेत्र अधिकारी श्रीनिवास काटकू, जीवन चौधरी सहित अन्य वनकर्मी मौजूद थे.