Nagpur Fire Brigade
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    नागपुर. अस्पतालों में अग्निरोधक उपकरणों की कमी और हाल ही में हुई कुछ दुर्घटनाओं में खामियां उजागर होने के बाद मनपा के अग्निशमन विभाग की ओर से ऐसे कई अस्पतालों को नोटिस जारी किया गया. इसी तरह जारी नोटिस को चुनौती देते हुए डॉ. मंगला घीसाड की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अनिल पानसरे ने मनपा और अग्निशमन विभाग को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब दायर करने के आदेश दिए. याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. घाटे ने अदालत को बताया कि जिस तरह के अग्निरोधक उपकरणों की आवश्यकता है, मनपा के अनुसार उसका पालन किया जा चुका है.

    इमारत में पहले से लगे हैं उपकरण

    अधि. घाटे ने कहा कि महाराष्ट्र फायर प्रिवेन्शन एंड लाइफ सेफ्टी मेजर्स एक्ट 2006 के शेड्यूल 1 में फायर सेफ्टी उपकरणों को लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसमें प्रदत्त नियमों के अनुसार इमारत के लिए आवश्यक उपकरण स्थापित किए जा चूके हैं. इसी इमारत में याचिकाकर्ता का अस्पताल है. इमारत की ऊंचाई 15 मीटर से कम होने के कारण इसके लिए आवश्यक अग्निरोधक उपकरण लगाए जा चुके हैं जिससे मनपा के अग्निशमन विभाग की ओर से जारी किए गए नोटिस गैरकानूनी है. 

    कार्रवाई पर लगाई अस्थायी रोक

    दोनों पक्षों की दलीलों के बाद अदालत ने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता के अनुसार नियमों के तहत पहले ही अग्निरोधक उपकरण लगाए जा चुके हैं. यहां तक कि सभी उपकरण काम कर रहे हैं. अग्निशमन विभाग की ओर से की गई जांच में इसका खुलासा भी हुआ है. इसके बावजूद नोटिस जारी करना समझ से परे हैं. विभाग की ओर से उठाई गई प्रत्येक आपत्तियों का जवाब दिया जा चुका है. इसके बाद भी 24 सितंबर 2021 को नोटिस जारी किया गया जिसके अनुसार अस्पताल को ही बंद करना पड़ सकता है. अत: मनपा के इस नोटिस पर रोक लगाने का अनुरोध भी अदालत से किया गया. सुनवाई के बाद अदालत ने अगले आदेश तक नोटिस पर रोक लगा दी.