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    नागपुर. दिवाली खुशियों का त्योहार है. एक ओर जहां दीपों की जगमगाहट से आनंद का माहौल बन जाता है. वहीं पटाखे उत्साह को दोगुना कर देते हैं लेकिन सतर्कता का अभाव और लापरवाही की वजह से यही पटाखे जख्मी कर देते हैं. पटाखे की वजह से हाथ, पैर, आंख में जख्म सहित त्वचा की एलर्जी के मरीज बढ़े हैं. सोमवार की रात और मंगलवार को मेडिकल व मेयो में 18 लोगों का इलाज किया गया जबकि प्राइवेट अस्पतालों में भी 30 से अधिक लोगों का उपचार किया गया. पटाखे जलाते वक्त सावधानी बेहद जरूरी है. मामूलीसी लापरवाही मुसीबत बन जाती है.

    मेयो में कुल 11 लोगों का इलाज किया गया. उप अधीक्षक सागर पांडे ने बताया कि 4 लोग सामान्य रूप से प्रभावित हुए थे. इनकी हाथों की त्वचा पर मामूली जलन हुई थी. उपचार कर छुट्‌टी दे दी गई. वहीं 7 लोगों को सर्जरी विभाग में भर्ती किया गया. इनके हाथ व चेहरे की त्वचा व आखों के आसपास की त्वचा झूलस गई है. इनका इलाज किया जा रहा है. इन मरीजों को भर्ती किया गया है जो लोग मामूली रूप से झुलसे थे, उन्हें इलाज कर छुट्टी दी दे गई. वहीं मेडिकल में ओपीडी और कैजुअल्टी  में करीब 7 लोग आये. मामूली जख्म होने के कारण इलाज कर छुट्टी दे दी गई. किसी भी मरीज को भर्ती नहीं किया गया.  

    फूट गए अनार और चकरी

    अनार और चकरी बच्चों का पसंदीदा पटाखा होता है. फूटता नहीं, इस वजह से बच्चे, महिलाएं भी जला लेते हैं लेकिन कई जगह ब्रांडेड कंपनी के अनार और चकरी के फूटने की जानकारी मिली. इनमें कुछ बच्चों के हाथ अनार के दाने की वजह से जख्मी हो गये. वहीं रॉकेट भी आड़ी-तिरछी उड़ान भी लोगों के लिए मुसीबत बनी. कई घरों में भी रॉकेट घुस गये. फैंसी पटाखों की आवाज कम होती है लेकिन धुआं अधिक छोड़ते हैं. यही वजह है कि पटाखों की वजह से सड़कों पर धुआं पसरा रहा.