File Photo
File Photo

    Loading

    नागपुर. महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी) ने कर्मचारियों की हड़ताल के बाद खुद को घाटे से उबारने के लिए बसों की फेरियां बढ़ाकर कमाई करना तो शुरू कर दिया है लेकिन यात्रियों की सुविधा के लिए कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं. बात करें एसटी स्टैंड की तो वहां मूलभूत सुविधाएं ही नदारद नजर हैं. पीने के पानी से लेकर सुरक्षित बैठने तक की सुविधा नहीं है. यहां शराबी दिनदहाड़े नशा करके पड़े रहते हैं. पीने के पानी की जो टंकी है उसकी न तो सफाई होती है, न ही उसके आसपास फैली गंदगी को साफ कराया जाता है.

     वाटर आरओ, कूलर के साथ सवारियों को छोड़ने के लिए आने वाले लोगों के लिए पार्किंग तक की व्यवस्था नहीं है. यात्रियों का सामान भी यहां राम भरोसे रहता है. अगर वे थोड़ा-सा चूके तो सामान गायब होने में समय नहीं लगता. इस अव्यवस्था का पूरा फायदा उठा रहे हैं यहां के दूकानदार. वे मनमाने दामों में पीने के पानी से लेकर दूसरे खाने की चीजें बेचकर मोटा मुनाफा कमाने में लगे हैं. यात्री परेशान होकर घूमते रहते हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत उन यात्रियों को आती है जिनकी बसें समय से अपने गंतव्य को रवाना नहीं होतीं.

    किसी काम का नहीं एप

    बीते वर्ष यात्रियों को बसों की सही दिशा देने के लिए एक एप बनवाया था लेकिन अधिकांश यात्रियों को इसके बारे में कोई जानकारी नही है. अधिकारियों ने शहर के मुख्य रास्तों पर डिस्प्ले लगवाने के दावे भी किए थे लेकिन वे सब धरे के धरे रह गए. बसों की ठीक से सर्विस न होने से जहां आए दिन वह कहीं भी खराब हो जाती हैं. इसी तरह ही शिकायतें शिवशाही वातानुकूलित बसों की आ रही हैं. जो कर्मचारी प्रबंधन से शिकायत करते हैं, उन्हें चुप करा दिया जाता है.