Futala Lake, Fountain Show

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नागपुर. केंद्र सरकार की वेटलैंड सूची में शामिल फुटाला तालाब में किसी तरह का विकास या सौंदर्यीकरण कार्य नहीं किया जा सकता है. इसके बावजूद नियमों को ताक पर रखकर फुटाला में सौंदर्यीकरण के नाम पर फाउंटेन और दर्शक दीर्घा तैयार की गई है. इसे लेकर स्वच्छ एसोसिएशन की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई करने के बाद हाई कोर्ट की ओर से पहले ही राज्य सरकार और अन्य संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर जवाब दायर करने के आदेश दिए गए किंतु सरकार की ओर से जवाब तो दायर नहीं किया गया, अब समय देने का अनुरोध किया गया. इस पर आपत्ति जताते हुए न्यायाधीश अतुल चांदुरकर और न्यायाधीश एम.डब्ल्यू. चांदवानी ने शपथपत्र दायर करने के लिए अंतिम मौका प्रदान कर 4 सप्ताह के लिए सुनवाई स्थगित कर दी.

नहीं हो पाई बॉम्बे हाई कोर्ट में सुनवाई

याचिकाकर्ता की ओर से बताया गया कि उनकी संस्था विशेष रूप से पर्यावरणीय मामलों से संबंधित विषयों पर काम करती है. फुटाला तालाब में लगे म्युजिकल फाउंटेन और यहां निर्मित की गई दर्शक दीर्घा को अवैध करार देने के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी किंतु बॉम्बे हाई कोर्ट ने अदालतों के प्रादेशिक अधिकार क्षेत्र का हवाला देते हुए याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया. यही कारण है कि अब नागपुर खंडपीठ में याचिका दायर की गई है. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. कैलाश नरवाडे, अधि. एस.ए. राजशिर्के, मनपा की ओर से अधि. जैमीनी कासट, प्रन्यास की ओर से अधि. सुधीर पुराणिक और राज्य सरकार की ओर से अति. सरकारी वकील आनंद फुलझेले ने पैरवी की.

नेशनल वेटलैंड में शामिल है फुटाला

-याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने सुनवाई के दौरान बताया कि नेशनल वेडलैंड इन्वेन्टरी एंड असेसमेंट में फुटाला तालाब शामिल है. वेटलैंड के संदर्भ में 14 अक्टूबर, 2013 को एक जनहित याचिका पर महत्वपूर्ण फैसला दिया गया था. 

-इसके अनुसार केंद्र सरकार की ओर से चिन्हांकित की गई वेटलैंड पर किसी तरह का निर्माण आदि नहीं किया जा सकता है. इन निर्देशों के अलावा 25 जुलाई, 2016 को पुन: निर्देश जारी किए गए थे. 

-इसके उपरांत सर्वोच्च न्यायालय की ओर से विशेष अनुमति याचिका 230/2001 में 4 अक्टूबर, 2017 को ऐसे ही मामले में आदेश जारी किए गए. 8 मार्च, 2022 को वन और पर्यावरण मंत्रालय ने वेटलैंड को संरक्षित करने की दिशा में निर्देश जारी किए थे. 17 मई, 2022 को इस संदर्भ में वेटलैंड संरक्षण प्राधिकरण को ज्ञापन दिया गया था लेकिन इस पर संज्ञान नहीं लिया गया.