Ganeshotsav
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    • 633 मंडलों ने किया था आवेदन
    • 466 को ही मिली है मंजूरी

    नागपुर. कोरोना की त्रासदी के 2 वर्षों बाद सिटी में बड़े उत्साह से गणेशोत्सव को मनाया जा रहा है लेकिन अब तक 167 मंडलों को मंजूरी नहीं मिल पाई है. कुछ कारणों से इन मंडलों के आवेदन लंबित होने की जानकारी मनपा प्रशासन की ओर से उजागर की गई है. गणेशोत्सव शुरू होने को 3 दिन बीत जाने के बावजूद अब तक मंजूरी नहीं मिलने पर कई मंडलों द्वारा नाराजगी भी जताई जा रही है. बताया जा रहा है कि 2 वर्षों बाद होने जा रहे इस उत्सव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 4 फूट से ऊंची मूर्तियां सर्वाधिक स्थापित हो रही है. सरकार की ओर से गणेश मूर्तियों की ऊंचाई को लेकर पहले रखी गई पाबंदी हटा दी थी. जिससे कुछ मंडलों द्वारा 4 फूट से ऊंची गणेश मूर्ति स्थापित की जा रही है जबकि 185 मंडलों द्वारा 4 फूट से कम ऊंची मूर्तियों की स्थापना की जा रही है. 

    325 मंडलों में ऊंची गणेश मूर्ति

    मनपा की ओर से उजागर की गई जानकारी के अनुसार कुल 633 मंडलों की ओर से गणेश मूर्ति स्थापित करने की अनुमति मांगी गई थी. जिसके लिए मंडलों की ओर से आवेदन किया गया था. 4 फूट से ऊंची मूर्ति स्थापित करने के लिए 325 मंडलों द्वारा आवेदन किया गया. मनपा की ओर से 4 फूट से छोटी और 4 फूट से ऊंची गणेश मूर्तियों के विसर्जन के लिए अलग-अलग तैयारियां की गई हैं. 4 फूट से छोटी मूर्तियों के लिए जगह-जगह कृत्रिम टैंक निर्मित किए गए. जिससे इन मूर्तियों का विसर्जन तो सिटी में ही हो रहा है लेकिन 4 फूट से ऊंची मूर्तियों को सिटी से बाहर निर्मित टैंक में ही विसर्जित किया जाना है. इसी आधार पर मनपा की ओर से मंजूरी भी प्रदान की जा रही है. 4 फूट से ऊंची गणेश मूर्ति स्थापित करने के लिए आवेदन करते समय मंडलों को विसर्जन का स्थल बताना जरूरी है. जिससे ट्रैफिक सुचारू रखने की व्यवस्था भी का जा सके. 

    जोनल आधार पर तय हुआ विसर्जन

    4 फूट से अधिक ऊंची गणेश मूर्तियों के विसर्जन के लिए जोन के आधार पर मंडलों को अलग-अलग स्थल आवंटित किए गए हैं. जिसके अनुसार कोराडी तालाब, कोलार नदी, बूटीबोरी तालाब, बीना नदी, पुराना कामठी, मौदा नदी, धामना नदी जैसे कुछ स्थलों को चिन्हांकित किया गया है. जोन के अनुसार उसमें आने वाले मंडलों को अलग-अलग स्थानों पर जाकर विसर्जन करने की अनुमति भी प्रदान की जा चुकी है. बताया जाता है कि धरमपेठ जोन में सर्वाधिक 4 फूट से ऊंची 57 मूर्तियों की स्थापना की गई हैं जबकि सबसे कम धंतोली जोन में केवल 13 मंडलों द्वारा ऊंची गणेश मूर्ति स्थापित की गई.