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    नागपुर. ओबीसी, एसबीसी,  वीजेएनटी छात्रों के लिए राज्य के 36 जिलों में 72 हॉस्टल  खोलने की मांग ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी संगठन ने की है. प्रशासन का ध्यान आकर्षित कराने के लिए संगठन की ओर से पिछले महीने ‘मंडल यात्रा’ भी निकाली गई थी. यात्रा नागपुर से निकलकर भंडारा, गोंदिया, चंद्रपुर, गड़चिरोली, यवतमाल, वर्धा होते हुए नागपुर पहुंची. इस दौरान करीब 35 जगहों पर भेंट दी गई. संगठन ने मांगें पूर्ण नहीं होने पर तीव्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

    छात्रों ने बताया कि महायुति सरकार में सामाजिक न्याय विभाग ने 30 जनवरी 2019 को आदेश जारी कर ओबीसी विजेएनटी, एसबीसी विद्यार्थियों के लिए 36 हॉस्टल्स को मान्यता दी थी. इसके बाद उद्धव ठाकरे सरकार ने भी प्रत्येक जिले में 2 के हिसाब से कुल 72 हॉस्टल्स बनाने की घोषणा की.

    दोनों सरकार ने सत्ता 7 वर्ष से अधिक समय तक कार्य किया लेकिन घोषणाओं की पूर्ति की कभी याद नहीं आई. ओबीसी छात्र आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. मागासवर्ग कल्याण समिति की सिफारिशों को भी अब 7 वर्ष पूरे हो गये हैं. साथ ही सकार द्वारा लिये गये निर्णय को 4 वर्ष बीत गये हैं. 

    शहरों में उच्च शिक्षा मुश्किल 

    2022-2023 शैक्षणिक वर्ष के लिए महाविद्यालय शुरू हो गये हैं. कई निर्धन ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी छात्रों ने शहरों में प्रवेश लिया है. छात्र उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए उत्सुक है लेकिन हॉस्टल नहीं मिलने से अनेक छात्र शिक्षा से वंचित हो रहे हैं. छात्रों को अपने गांव के आसपास ही कॉलेजों में प्रवेश लेना पड़ रहा है. संगठन ने सितंबर महीने से अनुसूचित जाति की स्वाधार योजना की तर्ज पर ही ओबीसी, वीजेएनटी, एसबीसी के जिला स्तर पर 500, राजस्व विभाग स्तर पर 1000, महात्मा ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले के नाम पर स्वाधार योजना शुरू करने की मांग की गई है. यदि जल्द मांगों पर विचार नहीं किया गया तो विदर्भ के सभी जिलों में आंदोलन की चेतावनी दी गई है.