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    नागपुर. गिट्टीखदान थाना अंतर्गत हुई हत्या की वारदात को लेकर चली लंबी सुनवाई के बाद जिला सत्र न्यायालय के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ए.सी. राऊत ने मामले में आरोपी लकी गणवीर को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई. साथ ही अदालत ने 15,000 रु. का जुर्माना भी ठोंका. जुर्माना नहीं भरने पर 3 माह की अतिरिक्त सजा के आदेश भी दिए.

    अदालत ने आदेश में कहा कि यदि अपील की जाती है तो मामले से संबंधित अहम सबूत सैम्पल्स, पत्थर और कपड़े आदि सुरक्षित रखे जाने चाहिए. अपील की समयावधि खत्म होने के बाद चूंकि सबूतों का कोई महत्व नहीं बच जाता है अत: उन्हें नष्ट करने के भी आदेश दिए. सरकार की ओर से एपीपी प्रशांत साखरे ने पैरवी की. 

    आरोपी ने की थी की हत्या

    अभियोजन पक्ष के अनुसार आरोपी लकी गणवीर और उसकी बहन बचपन से ही नानी राऊलाबाई रामदास गणवीर के पास रहते थे. बहन निकिता का भीम टेकड़ी में रहनेवाले सतीश रविदास के साथ प्रेम संबंध चल रहे थे. इसे लेकर लकी हमेशा विरोध करता था. यहां तक की लकी अपनी बहन के साथ इन संबंधों को लेकर मारपीट भी किया करता था. जबकि नानी बहन के साथ मारपाट नहीं करने की सलाह देती थी. साथ ही कई बार लकी का विरोध कर उसे भला-बुरा भी कहती थी. इसे लेकर लकी अपनी नानी का गुस्सा करता था. इसी गुस्से के चलते 2 मार्च की रात 3 बजे के करीब लकी ने नानी के सिर पर पत्थरों से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया. 

    मां ने ही दर्ज कराई थी शिकायत

    अभियोजन पक्ष के अनुसार हत्या के घटना की जानकारी मिलते ही लकी की मां सरिता सुंदर गणवीर घटनास्थल पर पहुंची थी. उसकी शिकायत पर पुलिस ने लकी के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था. पुलिस की ओर से आरोपी को हिरासत में लेकर जांच की गई. जांच के दौरान पुलिस ने आरोपी के कपड़े, जब्त किए थे. जिसे वैज्ञानिक परीक्षण के लिए लैब में भेजा गया. जांच के दौरान पुलिस ने कुछ गवाहों के बयान भी दर्ज किए थे. जिसमें लकी द्वारा नानी की हत्या करने के बयान उजागर हुए. सुनवाई के बाद सहायक सरकारी वकील प्रशांत साखरे ने कहा कि मामले में जुटाए गए सभी सबूत और गवाह आरोपी के खिलाफ है. जिससे उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए. सुनवाई के बाद अदालत ने उक्त आदेश जारी किए.