
नागपुर. चोरों के कारण एक तरफ नागपुर स्टेशन पर यात्रियों के सामान की सुरक्षा ताक पर रखी हुई तो दूसरी तरफ स्टेशन परिसर में खुलेआम अतिक्रमण करके सिगरेट-गुटखा बेचा जा रहा है. खास बात है कि यहीं पूरी रात चाय की टपरी भी चलती है लेकिन रेलवे सुरक्षा बल की नजर से ये सब ओझल है. वहीं करोड़ों की लागत से लगे सीसीटीवी कैमरे भी इस अतिक्रमण को देख नहीं पाते.
लंबे समय से चल रहा अवैध धंधा
स्टेशन के निकासी द्वार के ठीक भीतर लगी यह चाय की टपरी और सिगरेट-गुटखे का यह धंधा काफी लंबे समय से चल रहा है. देर रात पूरे शहर के असामाजिक तत्व स्टेशन परिसर में इस टपरी से चाय लेकर सिगरेट का धुआं उड़ाते रहते हैं लेकिन आरपीएफ को दिखाई नहीं देते. कोविड के बाद से प्रावइेट कैब स्टेशन परिसर के भीतर से सवारियां नहीं बैठा सकतीं. ऐसे में ट्रेन से नागपुर पहुंचे यात्रियों को अपना सामान लेकर इसी रास्ते से बाहर निकलना पड़ता है, ताकि कैब में सवार हो सकें. इनमें महिला यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है क्योंकि उन्हें सिगरेट के कश से हवा में उड़े धुएं के बीच से निकलना पड़ता है. यदि महिलाओं के साथ बच्चे हों तो शर्मनाक स्थिति समझी जा सकती है.
छुपने जैसी स्थिति ही नहीं
खास बात है कि अतिक्रमण करके अवैध रूप से चलाये जा रहे ये अवैध धंधे ऐसी जगह हैं जहां इनके छुपने या नजर नहीं आने की स्थिति ही नहीं. इसके ठीक सामने रेस्टोरेंट कंपनी ने लाखों रुपये को ठेका लेकर जगह हासिल की. दूसरी तरफ, अतिक्रमणकारियों को मुफ्त में जगह मिल गई. पूरी रात यहां ऑटोरिक्शा चालकों से लेकर असामाजिक तत्वों का डेरा जमा रहता है. भले ही हर आने-जाने वाले को यहां सिगरेट और गुटखा बिकते हुए दिख रहा हो लेकिन आरपीएफ इस ओर देखना ही नहीं चाहते.
नो पार्किंग जोन, फिर भी वाहनों का जमावड़ा
कुछ ऐसा ही नजारा स्टेशन के पूर्वी भाग का है. यहां बाउंड्री वॉल और स्टेशन में प्रवेश द्वार के बीच मुश्किल से 30 फीट की जगह है. यहां ऑटोरिक्शा और ई-रिक्शा चालकों की मनमर्जी पार्किंग चलती थी. ऐसे में यात्रियों की सहूलियत के लिए इसे नो पार्किंग जोन घोषित किया गया है. यह अलग बात है कि इस ओर कोई ध्यान भी नहीं देना चाहता. अब भी ऐसा ही नजारा दिखता है. बोर्ड लगने के बाद बावजूद प्राइवेट कारें भी देर तक खड़ी रहती हैं. इससे लगेज लेकर भीतर जाते हुए यात्रियों को भारी परेशानी होती है.