Suicide
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    नागपुर. एक व्यवसायी ने अपनी ही पत्नी, बेटा और बेटी की हत्या करने के बाद स्वयं फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जरीपटका के भीम चौक के समीप स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में यह दिल दहला देने वाली वारदात हुई. पूरे परिसर में हड़कंप मच गया. केवल रिश्तेदार ही नहीं, इलाके के नागरिक भी सकते में हैं. मृतकों में मदन अग्रवाल (45), किरण अग्रवाल (35), ऋषभ अग्रवाल (10) और टिया अग्रवाल (5) का समावेश है. मदन जरीपटका के दयानंद पार्क के समीप मदन चायनीज नाम से फास्ट फूड की दूकान चलाते थे.

    परिसर में उनकी सबसे पुरानी दूकान थी. बताया जाता है कि कर्जबाजारी होने के कारण मदन ने यह घातक बड़ा कदम उठाया. सोमवार की रात उसने अपने घर में चाकू से किरण की हत्या की. पहले पेट पर वार किए और बाद में गला रेत दिया. बच्चे भी घर में ही थे. दोनों बच्चों को भी उसने चाकू से गोद डाला. इसके बाद खुद सीलिंग फैन के हुक से रस्सी बांधकर खुद को भी फांसी लगा ली. 

    ऐसे सामने आई घटना

    अग्रवाल परिवार के पड़ोस में रहने वाले सूरज मोटवानी दोपहर 3.30 बजे के दौरान अपने दोस्त के साथ परिसर में खड़े थे. अग्रवाल परिवार ने फ्लिपकार्ट नामक शॉपिंग साइट से कुछ ऑर्डर किया था. डिलीवरी ब्वॉय ने घर के दरवाजे पर कई बार दस्तक दी लेकिन भीतर से कोई उत्तर नहीं मिला. दरवाजे पर ताला नहीं था और भीतर से प्रतिसाद भी नहीं मिल रहा था. सूरज ने डिलीवरी ब्वाय से परेशान होने का कारण पूछा. इसके बाद खुद भी कई बार मदन को आवाज लगाई लेकिन कोई उत्तर नहीं मिला. आस-पड़ोस के लोगों ने बताया कि सोमवार रात से कोई भी सदस्य घर से बाहर नहीं निकला है. सूरज ने तुरंत पुलिस को घटना की जानकारी दी.

    तोड़ा गया दरवाजा 

    पुलिस मौके पर पहुंची तो दरवाजा भीतर से बंद दिखाई दिया. आला अधिकारियों को जानकारी दी गई. डीआईजी नवीनचंद्र रेड्डी, सुनील फुलारी, डीसीपी चिन्मय पंडित, मनीष कलवानिया और एसीपी संतोष खांडेकर सहित बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर पहुंचा. लोगों का हुजूम उमड़ गया था. पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो घर में 4 लाशें दिखाई दीं. अनुमान है कि मदन ने पहले पत्नी को मारा और इसके बाद दोनों बच्चों की हत्या की. इसके बाद खुद फांसी लगा ली. फोरेंसिक जांच टीम को भी मौके पर बुलाया गया. 

    रात में मां से मिलकर लौटे

    अनुमान लगाया जा रहा है कि मदन ने पहले ही आत्महत्या का निर्णय ले लिया था. सोमवार को उन्होंने अपनी दूकान बंद रखी थी. शाम को पूरे परिवार के साथ  तुलसी कॉलोनी, शांतिनगर निवासी अपने भाई अमित और मां से मिलने गए थे. वहां से रात 9 बजे के दौरान घर लौटे. इसके बाद से किसी ने अग्रवाल परिवार को नहीं देखा था. मदन के ससुर का कहना है कि उन्हें इस सबके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. मदन ने इतना बड़ा कदम कैसे उठा लिया, यह सभी के समझ से परे है. किरण ने भी उन्हें कभी इस बारे में जानकारी नहीं दी थी. 

    • मदन की दूकान में रोजाना 10,000 रुपये का गल्ला होता था.
    • तीन पत्ती व क्रिकेट बैटिंग की लगी लत और हुआ बर्बाद. 
    • पत्नी कर रही थी परिवार को संभालने का प्रयास.
    • रोज लगा रहता था लेनदारों का डेरा, परेशान था. 
    • कर्ज अदा नहीं करने पर बैंक ने सील किया था घर.