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नागपुर. क्राइम ब्रांच की एनडीपीएस सेल द्वारा पकड़े गए छिंदवाड़ा के 2 गांजा तस्करों को एनडीपीएस की विशेष अदालत के न्यायाधीश पीवाय लाड़ेकर ने दोषी करार देते हुए 10 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनाई. इस मामले में 1 आरोपी को बरी किया गया. 7 जून 2021 को एनडीपीएस सेल को जानकारी मिली थी कि छिंदवाड़ा के 2 गांजा तस्कर शहर के गांजा विक्रेता से माल खरीदकर वापस जाने वाले हैं. खबर के आधार पर पुलिस ने फरस के पास जाल बिछाया.

मिली जानकारी के अनुसार कार क्र. एमपी 28- सीए 2387 पर सवार झीलपुरा, छिंदवाड़ा निवासी सोहेल खान शमीम खान (22) और सुनील बसंत मालवीय (31) को पकड़ा गया.

कार की तलाशी लेने पर उनके पास 3 किलो 390 ग्राम गांजा बरामद हुआ. हेड कांस्टेबल समाधान गीते की शिकायत पर दोनों के खिलाफ विविध धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया. जांच में पता चला कि आरोपियों ने ओमनगर, भरतवाड़ा निवासी नरेश उर्फ पप्पू जगदीशप्रसाद श्रीवास्तव से माल खरीदा था. इस मामले में नरेश को भी आरोपी बनाया गया.

सब-इंस्पेक्टर प्रीति कुलमेथे ने प्रकरण की जांच कर आरोप पत्र दायर किया. बतौर पैरवी अधिकारी सब-इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह बघेल ने अभियोजन पक्ष को सहयोग किया. सरकारी वकील दीपाली गनगने सोहेल और सुनील के खिलाफ आरोप सिद्ध करने में कामयाब हुईं. न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए 20 वर्ष सश्रम कारावास और 20,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई. जुर्माना अदा नहीं करने पर दोनों को 6 महीने अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा. जबकि पप्पू को आरोप सिध्द नहीं होने के कारण बरी किया गया. पप्पू की पैरवी अधिवक्ता प्रकाश नायडू ने की.