Sand Ghat, Sand Mining
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    नागपुर. पर्यावरण संरक्षण कानून-1986 के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय द्वारा  जारी नोटिफिकेशन के अनुसार राज्य सरकार ने रेत घाट नीलामी की नीति में परिवर्तन किया. इसे चुनौती देते हुए नीलामी में हिस्सा लेने की इच्छुक कुछ कम्पनियों और लोगों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई. याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने राज्य सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी किया  था. साथ ही अदालत ने रेत घाट नीलामी पर रोक भी लगाई थी. किंतु अब रोक के बावजूद नीलामी होने की आशंका जताते हुए याचिका पर शीघ्र सुनवाई करने की मांग रेत घाट ठेकेदारों की ओर से की गई. मंगलवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने अति शीघ्र सुनवाई करने से इनकार कर दिया. याचिकाकर्ताओं की ओर से नीलामी पर पाबंदी लगाने के आदेश देने का अनुरोध अदालत से किया. 

    पर्यावरण संबंधी मंजूरी के बाद रोक नहीं

    मंगलवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी कर रहीं मुख्य सरकारी वकील केतकी जोशी ने कहा कि रेत घाट नीलामी को लेकर हाई कोर्ट की ओर से 17 मार्च 2022 को आदेश जारी किया गया है जिसके अनुसार यदि रेत घाट नीलामी को पर्यावरण संबंधी मंजूरी मिलती है तो उसकी नीलामी पर रोक नहीं होगी. इसके बाद अदालत का मानना था कि इस शर्त के साथ हाई कोर्ट ने पहले ही रोक लगा रखी है जिससे नये सिरे से आदेश जारी करने का कोई औचित्य नहीं है. यदि रोक के आदेश का किसी तरह से उल्लंघन होता है तो याचिकाकर्ता को इसे चुनौती देकर राहत पाने का पूरा अधिकार है. 

    पर्यावरण संबंधी की मंजूरी के बिना नहीं होता था उत्खनन

    याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों का मानना था कि 3 सितंबर 2019 की रेत घाट नीति के अनुसार जहां से रेत का उत्खनन निर्धारित किया जाता था, उस परिसर पर उत्खनन से पड़ने वाले पर्यावरणीय परिणामों का सर्वे किया जाता था. यहां तक कि जब तक पर्यवरण मंत्रालय की ओर से मंजूरी नहीं दी जाती है तब तक उत्खनन नहीं होता था. उस समय की नीति के अनुसार रेत घाट के उत्खनन के लिए जो भी अधिकारी पर्यावरण विभाग के संबंधित अधिकारी के समक्ष प्रस्ताव रखता था उसे ही प्रकल्प प्रस्तावक मानकर अधिकारी के नाम पर पर्यावरण संबंधी मंजूरी प्रदान की जाती थी.

    याचिकाकर्ताओं की ओर से पैरवी कर रहे वकीलों ने कहा कि 28 जनवरी 2022 को नई रेत घाट नीलामी नीति घोषित की गई जिसके अनुसार पर्यावरणीय मंजूरी के बिना ही नीलामी प्रक्रिया करने तथा नीलामी में रेत घाट लेने वाले ठेकेदार को पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी के लिए आवेदन करने की शर्त रखी गई है.