नागपुर. नागपुर से मलकापुर तथा वर्धा से सिंदखेड़राजा राष्ट्रीय महामार्ग की दुर्दशा को लेकर अधि. अरुण पाटिल की ओर से हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई. याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता द्वारा अर्जी दायर की गई. जिसमें नागपुर-अमरावती महामार्ग पर स्थित सातनवरी में गड्ढे के कारण हुई दुर्घटना में 4 लोगों की जान जाने पर अदालत का ध्यानाकर्षित किया गया.
जिसके बाद न्यायाधीश सुनील शुक्रे और न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने पुलिस से सम्पूर्ण रिकॉर्ड प्रस्तुत करने के आदेश जारी किए. याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधि. फिरदौस मिर्जा ने कहा कि गड्ढे से बचने के लिए ड्राइवर ने प्रयास किया. जिसकी वजह से दुर्घटना हुई. इस संदर्भ में अब तक राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण द्वारा कोई जवाब दायर नहीं किया गया है.
नहीं मिला स्पॉट पंचनामा और गवाहों के बयान
सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण की ओर से पैरवी कर रहे वकील ने कहा कि कोंढाली पुलिस थाना के अंतर्गत यह दुर्घटना हुई है. कोंढाली पुलिस से जानकारी मांगे जाने पर उन्होंने केवल एफआईआर की कापी मुहैया कराई है. जबकि अब तक स्पॉट पंचनामा और गवाहों के लिए गए बयान उपलब्ध नहीं कराए गए हैं.
एनएचएआई की ओर से जानकारी उजागर किए जाने के बाद अदालत ने स्पॉट पंचनामा एवं अन्य दस्तावेज तुरंत उपलब्ध कराने के आदेश दिए. साथ ही इस दुर्घटना की केस डायरी भी अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश कोंढाली पुलिस को दिए. अदालत ने सरकारी वकील को इस संदर्भ में आवश्यकता अनुसार कार्य करने की हिदायत दी.
IRB पर लगाई पेनाल्टी
सुनवाई के दौरान एनएचएआई की ओर से हलफनामा दायर कर बताया गया कि अमरावती से लेकर तलेगांव तक सड़क का रखरखाव नहीं किए जाने को लेकर मेसर्स आईआरबी, तलेगांव-अमरावती टोलवेज लि. कम्पनी पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया. अदालत ने आदेश में कहा कि भले ही जुर्माना ठोंकने का निर्णय लिया हो लेकिन जुर्माना वसूल किया गया या नहीं, इसे लेकर किसी तरह का स्पष्टीकरण उजागर नहीं किया गया है.
अत: पूरी जानकारी 2 सप्ताह में देने के आदेश दिए. अधि. फिरदौस मिर्जा का मानना था कि राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण ने याचिका में उजागर किए गए मार्ग का कायाकल्प तो नहीं किया,अलबत्ता अब नागपुर-अमरावती महामार्ग की भी दुर्दशा उजागर हो रही है. महामार्ग से गुजरनेवाले प्रत्येक वाहन से जमकर टोल तो वसूला जा रहा है लेकिन सड़क की दुरुस्ती नहीं हो रही है. फलस्वरूप जहां-तहां गड्ढे पड़े हुए हैं.