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    नागपुर. एमआईडीसी पुलिस ने विगत 12 अगस्त को गोलछा हाउसिंग एंड लैंड डेवलपर्स नामक संस्थान में काम करनेवाली रजनी पांडे और उनके भाई हरीश तिवारी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था. शिकायतकर्ता कुणाल देशोत्तर के ससुर मधुसुदन नागर ने गोलछा बिल्डर द्वारा हिंगना रोड के पारधीनगर में बनाई गई स्कीम में फ्लैट का सौदा किया था.

    रजनी ने गोलछा हाउसिंग के नाम पर नागर से 12.50 लाख रुपये लिए लेकिन यह रकम संस्थान में जमा न करते हुए खुद गबन कर लिया. हरीश तिवारी ने बताया कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया गया है. उनका गोलछा बिल्डर से कोई लेनादेना नहीं है. रजनी अपने खाते से मोटी रकम निकालने में असमर्थ थी. इसीलिए उसने हरीश से मदद मांगी.

    14 दिसंबर 2020 को उसने 10 लाख रुपये का चेक उनके अकाउंट में जमा करवाया तुरंत ही हरीश ने उसे 10 लाख रुपये नकद वापस भी कर दिए. साथ ही रकम देने का लिखित नोट भी दिया. उन्होंने रिश्तेदार होने के नाते रजनी की मदद की लेकिन रजनी के चक्कर में पुलिस ने उन्हें फंसा दिया.

    पुलिस ने जांच किए बगैर ही उन्हें इस मामले में आरोपी बना दिया. गिरफ्तारी पूर्व जमानत के लिए उन्होंने हाई कोर्ट में अपील की. न्यायालय में पेश किए गए तथ्यों के आधार पर उन्हें जमानत भी मंजूर की गई. यदि पुलिस पहले ही प्रकरण की जांच करती तो सब साफ हो जाता. जांच अधिकारी ने ऐसा क्यों किया इसकी जांच भी होनी चाहिए. वे पुलिस कमिश्नर से प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग करने वाले है.