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    नागपुर: एजुकेशन में संवेदनाओं का बहुत बड़ा रोल है लेकिन ऑनलाइन एजुकेशन के चलते यह संवेदनहीन हो गया. ऑनलाइन क्लास कभी भी ऑफलाइन का पर्याय नहीं हो सकती. पिछले 2 वर्ष कोविड के कारण। स्टूडेंट्स स्कूल-कॉलेज से दूर रहे जिससे उनमें बहुत बड़ा अंतर निर्माण हो गया. इसमें 8 से 10वीं तक के विद्यार्थियों का बहुत बड़ा नुकसान हुआ. स्कूल नहीं होने से उन्हें शिक्षकों का पर्सनल टच नहीं मिल पाया. इससे उन का फाउंडेशन ही खराब हो गया.

    आज बच्चों में इतना अंतर आ गया है कि वे किसी से कनेक्ट नहीं होना चाहते. इस अंतर को पाटने में समय लगेगा. फिलहाल इस अंतर को पाटने के लिए 29 अप्रैल को इंटरनेशनल डांस डे के अवसर पर ‘नवभारत’ डांस मैराथन का आयोजन करने जा रहा है. कार्यक्रम की थीम ‘नाचेगा नागपुर नॉन-स्टाप’ है. इससे छात्रों को मूड बदलने का एक मौका मिलेगा. यह कहना है शिक्षा जगत के दिग्गजों का. वे नवभारत प्रस्तुत संवाद में ‘कोविड काल में बच्चों पर हुए सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव’ विषय पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे.

    इस अवसर पर अग्रवाल स्टडी सर्कल के संचालक जगदीश अग्रवाल, कैलिबर नोवा के संचालक राहुल राय, रायसोनी ग्रुप के पीआरओ अमित गंधारे, रायसोनी की अधिकारी डॉ. मृणाल नाईक, अंजुमन इंजीनियरिंग के डॉ. सोहेल परवेज, आंबेडकर कॉलेज की प्राचार्या डॉ. बी.ए. मेहेरे, एसबी जैन के प्राचार्य डॉ. संजय बडजाते, भांगे कोचिंग क्लासेस के निदेशक एनबी भांगे, जेडी कॉलेज के निदेशक अविनाश दोरसेटवार, पिरामिड ट्यूटोरियल के निदेशक जयंत गणवीर व मिटकरी कॉप्स के निदेशक विराग मिटकरी उपस्थित थे.