MARRIAGE

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    नागपुर. कोरोना का कहर एक बार फिर मैरेज इंडस्ट्रीज पर दिखाई देने लगा है. सामूहिक कार्यक्रमों में उपस्थिति जैसे-जैसे कम की जा रही है वैसे-वैसे शादियों की बुकिंग भी रद्द होती जा रही है. शादियों के रद्द होने का सीधा असर कई उद्योगों पर पड़ने जा रहा है. शहर में करोना मरीजों की संख्या में भारी वृद्धि ने शहर की मैरेज इंडस्ट्री को हलाकान कर दिया है.  मैरेज हॉल, लॉन, कैटरर्स और इससे जुड़े अनगिनत व्यवसायों पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.

    उद्योग से जुड़े लोगों ने बताया कि शादी की तैयारी के लिए कम से कम 3 माह का समय लगता है. कई लोग तो एक वर्ष पहले ही पसंदीदा हाल, लॉन बुक कर लेते हैं ताकि बाद में दिक्कतों का सामना न करना पड़े. लान, सभागृह और होटल वालों को जबरदस्त झटका लगा है. व्यापारियों ने बताया कि बहुत मजबूरी वाले ही 50 लोगों के साथ शादी करने को तैयार होते हैं अन्यथा 80 फीसदी शादियां रद्द ही हो जाती हैं. अब तक सैकड़ों शादियां रद्द की जा चुकी हैं.

    बज गया बैंड, बुझी बत्ती

    प्रतिबंध का सीधा असर बारात में शामिल होने वाली बत्ती और बैंड वालों पर भी पड़ता है. दोनों ही क्षेत्र के कारोबारियों को भारी नुकसान होने लगा है. लोग धड़ाधड़ बुकिंग कैंसल करने लगे हैं. उनका कहना है कि एक बार फिर बत्ती बुझ गई है और बैंड बज गया है. यह बत्ती कब तक बुझी रहती है, यह काफी महत्वपूर्ण है अन्यथा कलाकार एक बार फिर रोजी-रोटी के लिए मजबूर हो जाएंगे. 

    हजारों कैटरर्स पर असर

    शहर में छोटे-बड़े हजारों कैटरर्स हैं. इनके धंधे पर भी असर पड़ा है. संख्या 100 करने से ही बुकिंग कम होने लग गई थी. अब जबकि संख्या को 50 कर दिया गया है, इसका कारोबार पूरी तरह से बैठ गया है. कैटरर्स का कहना है कि एक बार कारोबार बंद होने से हजारों लोगों की रोजी-रोटी छिन जाती है. रोजंदाजी पर काम करने वालों के समक्ष रोजगार का गहरा संकट खड़ा हो जाता है. सबसे बड़ी बात यह कि इन्हें 15-20 दिन पूर्व से तैयारी और खरीदी करनी पड़ती है. खरीदे गये माल के भी बेकार होने का खतरा हो गया है.