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    • 25 से 30 प्रश का उछाल नोटबुक्स व किताबों में
    • 30 से 35 प्रश की बढ़ोतरी ड्रेस में 

    नागपुर. कोरोना के दो वर्ष बाद अब स्कूल पूरी तरह खुलने के लिए तैयार है. इसे लेकर कई तरह की तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं. स्कूलों के खुलने के दिन पास आते ही स्टेशनरी, बुक और यूनिफॉर्म की डिमांड बढ़ गई है लेकिन महंगाई से छात्र भी अछूते नहीं रहे. नया सत्र शुरू होने से पहले ही कॉपी-किताबों, यूनिफॉर्म से लेकर स्कूली शूज पर मंहगाई का ग्रहण लग गया है. शिक्षा सामग्री महंगी होने से अभिभावकों की भी मुसीबतें बढ़ गई हैं. उन पर खर्च का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है. नोटबुक्स व किताबों की कीमतें जहां 25 से 30 प्रश बढ़ गई है, वहीं ड्रेस व शूज की कीमतों में 30 से 35 प्रश का उछाल आया है. स्कूल खुलने के लिए कुछ ही दिन होने के चलते शहर की हर एक स्टेशनरी व यूनिफॉर्म शॉप में अभिभावकों की भीड़ लगी हुई है.

    अन्य खर्चों में हो रही कटौती

    स्कूलों से आई सूची के अनुसार अभिभावक कापी-किताबों के साथ अन्य वस्तुओं की खरीदी कर रहे हैं लेकिन इसके लिए इस वर्ष उन्हें कुछ ज्यादा ही जेबें ढीली करनी पड़ रही हैं. कापी-किताबें ही नहीं, पेंसिल से लेकर पेन,कम्पास बॉक्स, ड्राइंग पेंसिल सहित हर स्टेशनरी सामग्री के भाव बढ़े हुए हैं. स्टेशनरी के इतने अधिक भाव चुकाने के चलते अभिभावकों ने महीने में लगने वाले अन्य खर्चों में कटौती कर दी है. कापी-किताबें खरीदी करने आए अभिभावकों के अनुसार दिन-प्रतिदिन एजुकेशन इतना अधिक महंगा होते जा रहा है कि बच्चों को पढ़ना मुश्किल हो गया है. जहां स्कूलों की फीस काफी ज्यादा बढ़ी हैं, वहीं कोचिंग क्लासेस में मनमाने ढंग से वसूली की जा रही है और अब स्टेशनरी का बोझ बढ़ गया. 

    2 वर्ष बाद दिखा उत्साह

    स्टेशनरी व्यापारी आनंद चोपड़ा बताते हैं कि कोरोना के कारण 2 वर्ष बच्चे स्कूल जा नहीं पाए लेकिन अभी स्कूल पूरी तरह से खुल रहे हैं तो अभिभावकों के साथ बच्चों में भी उत्साह देखा जा रहा है. इसके चलते अभिभावकों में उत्साह नजर आ रहा है. पेपर महंगा होने से कॉपी-किताबों के भाव में बढ़ोतरी हुई है. वहीं आज स्टेशनरी के क्षेत्र में कॉम्पिटिशन होने के चलते अलग-अलग कम्पनियों की सामग्रियों की दरें भी अलग-अलग चल रही हैं. पिछले वर्ष तक जो लोकल रजिस्टर 30 से 35 रुपये में आता था, वह अब 50 से 60 रुपये में आ रहा है. वहीं बच्चों की पसंदीदा ड्राइंग पेंसिल, स्कैच पैन और विविध तरह की इरेजर के अच्छे-खासे भाव बढ़े हुए हैं. 

    बच्चों को चाहिए ब्रांडेड

    एक अन्य व्यापारी बताते हैं कि आज जहां हर तरफ ब्रांडेड का जमाना है, वहीं बच्चों को भी नोटबुक, कम्पास बॉक्स और इरेजर के साथ पेंसिल भी ब्रांडेड ही चाहिए. मार्केट में बच्चों को लुभाने वाले बहुत से विविध गेम्स और अलग-अलग खंड वाले कम्पास बॉक्स पेश किये गये हैं जो काफी पसंद किये जा रहे हैं. 

    रेट पुराने लेकिन कॉपी रजिस्टर के पन्ने घटे

    कई जगह तो यह भी देखने में आ रहा है कि रजिस्टर और कॉपी के रेट तो नहीं बढ़े, पर कागज महंगा होने के चलते इन कापियों के पन्नों और क्वालिटी को कम कर दिया गया. जो बच्चों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं. उदाहरण के तौर 40 रुपये वाले रजिस्टर में 120 पेज थे, तो अब 100 पेज ही आ रहे हैं. इसमें से 20 पेज कम कर दिये गये.