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  • 35 करोड़ की कथित वित्तीय धांधली

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नागपुर. बर्डी में डिजिटल विज्ञापन की फर्म स्थापित कर इस माध्यम से निवेशकों को लगभग 35 करोड़ का चूना लगाने के मामले में कोल्हे बंधुओं के खिलाफ बर्डी थाने में शिकायत पर मामला दर्ज किया गया. जिसमें अंतरिम जमानत के लिए सुशील कोल्हे की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई.

याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने निवेशकों से हुई ठगी में लगातर शिकायत मिलने का हवाला देते हुए याचिकाकर्ता को राहत देने से साफ इनकार दिया. साथ ही याचिका ठुकरा दी. याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आई.एम. कुद्दुसी, अधि. जी.बी. हेमके और सरकार की ओर से सहायक सरकारी वकील टी.ए. मिर्जा ने पैरवी की. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने कोल्हे बंधुओं के खिलाफ न केवल सीआरपीसी बल्की एमपीआईडी के तहत भी मामला दर्ज किया था.

भारी लाभ देने का लालच

निवेशकों को भारी लाभ देने का लालच देकर न केवल महाराष्ट्र बल्कि मध्य प्रदेश में भी कई निवेशकों को शिकार बनाया गया था. हालांकि शुरुआत में निवेशकों को लाभांश तो मिलता गया लेकिन बाद में बंद होने से कोल्हे बंधुओं के खिलाफ शिकायत बढ़ती गई. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वकील का मानना था कि भुगतान नहीं करने का याचिकाकर्ता का मानस नहीं है. कम्पनी की ओर से शुरुआत में भुगतान किया गया है लेकिन कोविड-19 की त्रासदी के बाद यह स्थिति उत्पन्न हुई. इसी वजह से शिकायत दर्ज की गई. चूंकि चार्जशीट दायर हो चूकी है और तमाम दस्तावेज भी पुलिस द्वारा जब्त किए गए, अत: याचिकाकर्ता के हिरासत की आवश्यकता नहीं है.

चार्जशीट दायर होने के बाद भी शिकायतें

सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष की ओर से बताया गया कि चार्जशीट दायर किए जाने के बाद भी याचिकाकर्ता और अन्य आरोपियों के खिलाफ लगातार शिकायतें प्राप्त हो रही है. जिससे मामले की जांच लगातार चल रही है. कई गुत्थियों को सुलझाने के लिए याचिकाकर्ता की हिरासत जरूरी है. आर्थिक धांधली के आंकड़ें को देखा जाए तो कई निवेशकों को धोखा दिया गया है. दोनों पक्षों की दलीलों बाद अदालत ने जांच के दौरान जांच अधिकारी द्वारा जमा किए गए सबूतों और लगातार आ रही शिकायतों को देखते हुए अंतरिम जमानत देने से साफ इनकार कर दिया.