Nitin raut
नितिन राउत (फाइल फोटो)

    Loading

    नागपुर. ऊर्जा मंत्री नितिन राऊत ने कहा कि केंद्र सरकार ऊर्जा के क्षेत्र के निजीकरण का प्रयास कर रही है जिससे राज्य की बिजली कंपनियों के सामने अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए व्यवस्थापन में बदलाव कर संगठित होकर मुकाबला करने की जरूरत है. वे एमएसईबी बैकवर्ड क्लासेस सीनियर इंजीनियर्स व अधिकारी संगठन नागपुर परिक्षेत्र की ओर से आयोजित परिसंवाद में बोल रहे थे.

    स्वतंत्र मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेएस पाटिल ने अध्यक्षता की. इस दौरान महावितरण संचालक संजय ताकसांडे, महापारेषण के अनिल कोलप, होल्डिंग कंपनी के सलाहकार संचालक उत्तम झाल्टे, महानिर्मिति संचालक मानवेंद्र रामटेके ने भी ऊर्जा क्षेत्र की चुनौतियों पर विचार रखे.

    बिजली कंपनियों के सामने आ रही आर्थिक दिक्कतों की जानकारी ऊर्जा मंत्री को दी गई. राऊत ने कहा कि कंपनियों की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए अलग-अलग उपाययोजना बीते 2 वर्षों में की गई जिसे संतोषजनक सफलता भी मिली. अधिक ब्याज दर वाले कर्ज की पुनर्रचना करने से तीनों कंपनियों के आर्थिक बोझ में लगभग 3,000 करोड़ रुपयों की कम आई. उपायों से बिजली दर में भी कमी लाने में मदद मिलेगी.

    नई तकनीक का करें उपयोग

    राऊत ने कहा कि सभी विद्युत कर्मचारियों को नई तकनीक का उपयोग करना चाहिए. संगठन के अंतर्गत अलग-अलग विषयों से संबंधित अभ्यासगट स्थापित कर तीनों कंपनी की कार्यप्रणाली में सुधार लाने में मदद की अपील भी उन्होंने की. परिसंवाद में महावितरण नागपुर परिमंडल के मुख्य अभियंता दिलीप दोडके, महानिर्मिति मुख्य अभियंता प्रकाश खंडारे, पंकज सपाटे, अनिल आष्टीकर, महापारेषण मुख्य अभियंता सतीश अणे, बी.टी. राऊत, एनबी जारोंडे, संजय घोडके, एसके  हनवते, प्रेमानंद मौर्य, बंडू वासनिक, हेमराज ढोके, वाईडी मेश्राम, एडी सहारे, एजी पेटकर, जयेश कोल्हे, भीमराव हिवरकर, रूपेश टेंभुर्णे, अजय खोब्रागडे सहित बड़ी संख्या में अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे.