File Photo
File Photo

    Loading

    नागपुर. नये साल में महाराष्ट्र राज्य मार्ग परिवहन महामंडल (एसटी) ने अपने यात्रियों को नागपुर से मुंबई की यात्रा कराने का प्लान बनाया है. नई इलेक्ट्रिकल बसें मिलते ही प्लान को अमल में लाया जाएगा. मुंबई की यात्रा समृद्धि महामार्ग के माध्यम से की जाएगी. इसके लिए यात्रियों से मिनिमम शुल्क लिया जाएगा. इसका कारण महामार्ग पर लगने वाला टैक्स को बताया जा रहा है. बसों में यात्रियों के लिए सभी मूलभूत सुविधाएं मौजूद रहेंगी. यात्रा के बाद लोग अपना फीडबैक भी महामंडल को दे सकेंगे.

    सूत्रों के अनुसार मुंबई के लिए बसें गणेशपेठ बस डिपो से चलाने का प्लान है. इसका सबसे बड़ा कारण यात्रियों की आसान पहुंच है. बस समृद्धि महामार्ग से होकर जाएगी. इसमें अमूमन 12 से 15 घंटे का समय लगेगा. लंबी दूरी पर यात्रा के दौरान यात्रियों को थकान से बचाने के लिए सिर्फ वातानुकूलित बसों को ही चलाया जाएगा. बस में मनोरंजन के लिए एलईडी टीवी भी होगा. जिससे सफर के दौरान यात्री बोरियत महसूस न करें. बसों में यात्रियों का सामान सुरक्षित तरीके से रखने के लिए हाईटेक डिग्गियां भी होंगी. इसमें यात्री लिमिटेड सामान ही ले जा सकेंगे. इसके साथ ही नये  साल में एसटी महामंडल के यात्रियों के लिए कई प्लान बनाए जा रहे हैं. इसका मकसद यात्री सुविधाओं में इजाफे के साथ रेवेन्यू बढ़ाना है.

    इसलिए लागू होगा प्लान 

    वर्तमान समय में एसटी की बस मुंबई तक नहीं जाती है लेकिन यहां यात्रियों की भरमार है. खासकर त्योहार के साथ शादियों के सीजन में ट्रेनों के फुल होने के कारण लोगों के पास मुंबई जाने का कोई सस्ता और सुरक्षित विकल्प नहीं है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए समृद्धि महामार्ग के उद्घाटन के बाद से शिर्डी तक ही बस को चलाया जा रहा है. इसी प्लान को आगे बढ़ाते हुए अब मुंबई तक ले जाया जाएगा. यहां बसों के रुकने के लिए अलग से स्टैंड के लिए जगह भी डिसाइड की जाएगी. जिससे नागपुर से मुंबई और मुंबई से नागपुर जाने वाले यात्री परेशान न हों. अपनी यात्रा अच्छे से कर सकें.

    पुणे भी सूची में शामिल 

    अधिकारियों का कहना है कि मुंबई के बाद पुणे के लिए भी बस सेवा शुरू होगी. इसके लिए बसों का इंतजाम किया जा रहा है. नये साल में एसटी महामंडल इन दोनों प्लान पर काम कर रहा है. इसके साथ ही पूरे विदर्भ में एसटी सेवा को बेहतर बनाने का काम भी चल रहा है. अधिकारियों का इसके पीछे तर्क यह है कि सुविधाएं बढ़ाने से महामंडल के रेवन्यू में इजाफा होगा. जिसका लाभ यात्रियों को मिलेगा. फिलहाल बस सेवा के दौरान आ रही दिक्कतों पर मंथन कर उन्हें दूर करने की कवायद जारी है.