Fear prevails in Corona free villages! Only 10% attendance in class 8th to 12th
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    • 59,195 कुल सीटें 
    • 32,461 सीटों पर ही एडमिशन 
    • 18 तक प्रवेश की तिथि बढ़ी 

    नागपुर. कोरोना का प्रभाव कम होने के साथ ही अब 8वीं से 12वीं तक स्कूल खुल गये हैं. 9वीं के बाद 10वीं में पहुंचे छात्रों की परीक्षा नहीं ली गई. अंतर्गत मूल्यमापन के आधार पर परिणाम तैयार किया गया. अब ये छात्र सीधे 11वीं में पहुंच गये हैं. यही वजह है कि छात्रों में जूनियर कॉलेज में पहुंचने का उत्साह है. प्रवेश प्रक्रिया के सभी प्रमुख चरण पूरे होने के बाद क्लासेस भी आरंभ हो गई हैं.

    कोरोना नियमों का पालन कर स्कूल शुरू किये गये हैं लेकिन स्थिति यह है कि जितने छात्र आ रहे हैं, सभी को प्रवेश देते हुए अध्यापन का कार्य किया जा रहा है. कोरोना के कारण छात्रों की 10वीं की परीक्षा नहीं ली गई. कई विषयों का संपूर्ण ज्ञान भी नहीं मिल सका. यही वजह है कि अब 11वीं में छात्रों को ज्यादा मेहनत करना पड़ेगी. शिक्षकों को भी छात्रों पर अधिक मेहनत करना पड़ेगी. अब 20  अक्टूबर से सीनियर कॉलेज भी शुरू हो जाएगे. इसके बाद और रौकन बढ़ जाएगी. शिक्षकों का कहना है कि छात्रों का सबसे अधिक नुकसान हुआ है. हालांकि छात्र 11वीं में पहुंच गये हैं लेकिन नॉलेज के मामले में पिछड़े हुये हैं. पाठ्यक्रम कम करने के बारे में शिक्षा विभाग द्वारा स्पष्ट आदेश नहीं दिये जाने के कारण शिक्षकों में अब भी संभ्रम बना हुआ है.

    दिवाली में होंगी एस्क्ट्रा क्लासेस 

    11वीं के साथ ही 12वीं की भी क्लासेस शुरू हो गई है. सुबह की शिफ्ट वाले कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति अच्छी देखने को मिल रही है लेकिन 18 महीनों की गैप होने से पढ़ाई पर सीधा असर पड़ा है. ऑनलाइन स्टडी में कई छात्र पिछड़ गये हैं. अब जब प्रत्यक्ष रूप से क्लासेस हो रही है तो छात्रों को ज्यादा मेहनत करनी पड़ रही है. कुछ दिनों बाद दिवाली की छुट्टियां लग जाएंगी. कई कॉलेजों ने दिवाली की छुट्टियों में एक्स्ट्रा क्लासेस की प्लानिंग की है ताकि समय पर सिलेबस पूर्ण किया जा सके. 

    अब तक चार राउंड पूरे

    11वीं प्रवेश के लिए अब तक 3 राउंड हो चुके हैं. इसके बाद स्पेशल राउंड भी लिया गया. अब एक बार फिर सीटें खाली रहने पर 18 अक्टूबर तक प्रवेश की तिथि बढ़ाई गई है. साथ ही पूरक परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले छात्रों को प्रवेश दिया जा सकेगा. अब तक सिटी के 218 कनिष्ठ महाविद्यालयों में 59,195 सीटों में से 32,461 सीटों पर ही प्रवेश हुये हैं. लगभग आधी सीटें अब भी खाली हैं.