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    नागपुर. जिला परिषद में लगातार 3 महिला अध्यक्षों के बाद अब जब एसटी वर्ग का आरक्षण रोस्टर निकला है तो फिर किसी महिला के ही अध्यक्ष बनने की संभावना अधिक नजर आ रही है. ऐसी स्थिति में अब सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस के पुरुष सदस्यों में लॉबिंग शुरू हो गई है. भले ही रोस्टर एसटी का निकला हो लेकिन सभी वर्ग के पुरुष सदस्यों की भावना है कि अब जिला परिषद अध्यक्ष पुरुष होना चाहिए. एसटी वर्ग से कांग्रेस में 9 जिप सदस्य हैं जिनमें से 5 महिलाएं और 4 पुरुष हैं. कुछ सदस्यों का कहना है कि फिलहाल इस संदर्भ में पार्टी की बैठक नहीं हुई है.

    दशहरा के बाद जिलाध्यक्ष राजेन्द्र मुलक, पूर्व मंत्री सुनील केदार के मार्गदर्शन में पार्टी सदस्यों की बैठक होने वाली है. उसमें अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पर निर्णय लिया जाएगा. बैठक में पुरुष सदस्य को अध्यक्ष बनाने की बात रखी जाने वाली है. कांग्रेस के पास एसटी वर्ग के 4 सदस्य हैं जिनमें देवानंद कोहले, हरीश उइके और प्रीतम कवरे का नाम चल रहा है. एक सदस्य पर पुलिस में मामला होने के चलते उसका नाम अलग रखा गया है. 

    साढ़े 10 वर्ष से महिला अध्यक्ष

    जिला परिषद में ओबीसी महिला व ओपन महिला आरक्षण के चलते बीते 3 टर्म में महिलाएं अध्यक्ष रही हैं. रमेश मानकर भाजपा की सत्ता में ढाई वर्ष अध्यक्ष रहे थे लेकिन बाद में सुरेश भोयर ने कांग्रेस का दामन थाम कर सत्ता पलट दी थी और वे अध्यक्ष बने थे. उनके बाद हुए चुनाव में भाजपा बहुमत से सत्ता में काबिज हुई और संध्या गोतमारे अध्यक्ष बनीं. गोतमारे के बाद निशा सावरकर को मौका दिया गया और उन्हें ओबीसी आरक्षण का मामले अदालत में होने के चलते करीब सवा 2 वर्ष बोनस में अधिक कार्यकाल मिला. फिर हुए चुनाव में कांग्रेस ने सत्ता पलट दी और पूर्व मंत्री सुनील केदार गुट से रश्मि बर्वे को अध्यक्ष बनने का मौका मिला. लगभग पूरे साढ़े 10 वर्ष महिला अध्यक्ष का राज जिप में रहा है. 

    सीनियरों पर न हो अन्याय

    एसटी वर्ग का रोस्टर निकलने के बाद सबसे अधिक दावेदारों में सीनियर महिला सदस्यों का नाम चल रहा है. पार्टी के कुछ सदस्य यह भी मानते हैं कि वरिष्ठों पर अन्याय नहीं होना चाहिए. उपाध्यक्ष और समिति सभापतियों के चयन में सीनियरों को मौका दिया जाना चाहिए. कुछ सदस्यों का मानना है कि कोई भी पदाधिकारी रिपीट नहीं होगा यह तो तय है लेकिन अब किन-किन को जिम्मेदारी दी जाएगी यह वरिष्ठ नेताओं पर निर्भर है. जब तक बैठक नहीं होती तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता.

    उपाध्यक्ष पद के लिए चुनाव की स्थिति

    सदस्य पार्टी मीटिंग का इंतजार कर रहे हैं. जिप अध्यक्ष तो एसटी वर्ग से बनेगा यह तय है लेकिन उपाध्यक्ष पद के लिए आलानेता किसका नाम फाइनल करते हैं यह बैठक में ही सामने आएगा. कुछ सदस्य उपाध्यक्ष पद पर नजर गड़ाए बैठे हैं. एक सीनियर सदस्यों का कहना है कि इस पद के लिए एक से अनेक इच्छुक हैं और यह भी संभावना है कि चुनाव की नौबत आ जाए. 17 अक्टूबर को सुबह 10 बजे चुनाव प्रक्रिया शुरू होगी. इसी महीने के अंत में समिति सभापति भी बदले जाएंगे. वर्तमान में केवल कृषि सभापति तापेश्वर वैद्य को छोड़ दिया जाए तो अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सभापति सभी महिलाएं थीं. सदस्यों का कहना है कि पुरुष सदस्यों को भी मौका दिया जाना चाहिए.